बेनीपट्टी(मधुबनी)। फर्जी अंक पत्र पर शिक्षिका का कार्य कर रही परजुआर डीह के मध्य विद्यालय के पूर्व प्रधानाध्यापिका पर अधिकारी इतने मेहरबान है कि खुलासा होने के बाद भी कार्रवाई से कन्नी काट रहे है। मामले में हर अधिकारी एक-दूसरे अधिकारी पर कार्रवाई करने का पत्र जारी कर रहा है। लेकिन, एक भी अधिकारी स्पष्ट रुप से कार्रवाई करने सेे अब तक बच रहा है। जिसके कारण उक्त शिक्षिका आज भी फर्जी अंक पत्र के सहारे विद्यालय में कार्यरत है। मामला प्रखंड के परजुआर डीह के मध्य विद्यालय से जुड़ा हुआ है। विद्यालय के पूर्व प्रधानाध्यापिका रेखा देवी फर्जी अंक पत्र पर कार्य कर रही है। उधर परजुआर के वकील झा उक्त शिक्षिका पर कार्रवाई के लिए दर-दर की खाक छान रहे है। उधर कार्रवाई मामले में आवेदक के द्वारा आरटीआई से जवाब मांगे जाने पर एक बार फिर प्रखंड विकास पदाधिकारी ने उक्त शिक्षिका पर कार्रवाई किए जाने को लेकर पंचायत सचिव को पत्र जारी कर दिया है। बीडीओ ने पंचायत सचिव को भेजे पत्र में स्पष्ट रुप से उल्लेखित किया है कि परजुआर डीह के पूर्व प्रधानाध्यापिका रेखा देवी का नियोजन वर्ष-2003 में पंचायत नियोजन इकाई के द्वारा किया गया। वर्ष-2003 में उक्त शिक्षिका का नियोजन उत्तर मध्यमा उर्तीण के आधार पर किया गया। प्राथमिक शिक्षक नियोजन नियमावली के अनुसार अन्तर स्नातक उर्तीण शिक्षा मित्र को ही अवधि विस्तार किया जाना था। उक्त शिक्षिका के द्वारा हिन्दी विद्यापीठ, देवघर (झारखंड) द्वारा निर्गत साहित्य भूषण का अंक पत्र उपलब्ध कराए जाने के आधार पर आपके द्वारा उक्त शिक्षा मित्र का अवधि विस्तार किया गया है। जबकि आपके द्वारा उक्त अंक पत्र का सत्यापन उक्त विद्यापीठ से नहीं कराया गया। बीडीओ ने भेजे गए कार्रवाई पत्र में बताया है कि जब विद्यापीठ से सत्यापन रिपोर्ट मांग की गयी तो वहां से भेजे गए रिपोर्ट के अनुसार उक्त शिक्षिका के द्वारा उपलब्ध कराए गए अंक पत्र में अपलेखन कर अंग्रेजी के द्वितीय पत्र में प्राप्तांक 09 के स्थान पर 39 अंकित कर दिया गया है। इससे स्पष्ट है कि गलत तरीके से फर्जी अंक पत्र तैयार कर उक्त अवधि में शिक्षा मित्र के पद पर अवधि विस्तार पंचायत नियोजन इकाई के द्वारा कराया गया। बीडीओ ने उक्त कार्रवाई संबंधि निर्देश पत्र को बीईओ, स्थापना के डीपीओ, डीईओ व डीएम को प्रेषित किया है। उधर कार्रवाई की अद्यतन जानकारी के लिए परजुआर के पंचायत सचिव राजाराम सिंह के मोबाईल पर संपर्क साधा गया तो मोबाईल नहीं लिया गया। वहीं आवेदक वकील झा ने कहा कि उक्त शिक्षिका को बचाने के लिए लगातार अधिकारियों के द्वारा प्रयास किया जा रहा है। जबकि बिहार सरकार फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई करने की बात कह रहा है। आवेदक ने बताया कि उक्त शिक्षिका जब विद्यालय की प्रभारी थी तो स्कूल के विभिन्न मदों में विभाग से प्राप्त राशि में पांच लाख चालीस हजार की अवैध निकासी की थी। जिसको लेकर पूर्व के अधिकारियों के निर्देश के बाद तत्कालीन बीईओ डा. राजेन्द्र प्रसाद ने अरेड़ थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी। पुलिस ने उक्त प्राथमिकी के पर्यवेक्षण रिपोर्ट के बाद शिक्षिका को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बावजूद शिक्षिका अभी भी कार्यरत होकर वेतन ले रही है। जो भ्रष्टाचार का चरम है।


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