बेनीपट्टी (मधुबनी)। बाल विकास परियोजना के तहत संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र के पास अपना भवन नहीं होने के कारण केन्द्र यत्र-कुत्र संचालन हो रहा है। कही दलान में तो कहीं सामुदायिक भवन पर आंगनबाड़ी केन्द्र का संचालन कराया जा रहा है। जहां सेविकाओं को केन्द्र संचालन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। विभाग की विडंबना कहे या लापरवाही, बेनीपट्टी प्रखंड के तैंतीस पंचायतों में संचालित 288 आंगनबाड़ी केन्द्र में से करीब 140 केन्द्रों के पास अपना भवन नसीब नहीं है। जिसके कारण आंगनबाड़ी केन्द्र दलान, सामुदायिक भवन, विद्यालय में संचालित कराया जा रहा है। विभागीय जानकारी के अनुसार इन केन्द्रों के संचालन के लिए किराये मद में विभाग प्रति माह करीब 28 हजार रुपये भुगतान करती है। हालांकि, विभाग किराये मद में प्रति केन्द्र 750 रुपये देने के लिए निर्धारित कर रखी है, लेकिन एक भी केन्द्र के पास एग्रीमेंट कागज नहीं होने एवं विभाग के पास समर्पित नहीं किए जाने के कारण पूर्व के निर्धारित दर से ही किराया मद की राशि भुगतान की जाती है। उधर सूत्रों की माने तो कई पंचायत में आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए भवन का निर्माण तो कराया गया, लेकिन दुरस्थ जगहों पर भवन के निर्माण करा देने के कारण संबंधित आंगनबाड़ी केन्द्र भवन में शिफ्ट नहीं कर पाया। सलहा पंचायत के मध्य विद्यालय के समीप तालाब के किनारे आंगनबाड़ी केन्द्र का निर्माण कराया गया, जहां तालाब में डूबने के भय से आंगनबाड़ी केन्द्र शिफ्ट नहीं हो रहा है। ऐसे कई मामले है, जहां पंचायत प्रतिनिधि सरकारी राशि का दुरुपयोग कर मनमाने स्थलों पर आंगनबाड़ी केन्द्र भवन का निर्माण करा दिया। जहां वर्षो के बाद भी केन्द्र शिफ्ट नहीं हो पाया। स्थानीय लोगों की माने तो प्रखंड प्रशासन को ऐसे स्थलों पर केन्द्र भवन निर्माण के लिए एनओसी देने से पूर्व स्थल जांच कर लेना चाहिए। इस संबंध में सीडीपीओ सुशीला कुमारी ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र के भवन निर्माण के लिए विभाग के द्वारा उन्हें राशि प्राप्त नहीं कराया जाता है। ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। केन्द्र के भवन निर्माण होने के बाद प्रखंड के द्वारा उन्हें हस्तगत कराया जाता है। जिसके बाद केन्द्र संचालन कराया जाता है। भवन की कमी के बावजूद केन्द्र का संचालन सही तरीके से कराया जा रहा है।