बेनीपट्टी (मधुबनी)। शिक्षा विभाग में शिक्षकों की कमी के कारण विद्यालय का संचालन तो दूर वर्गवार पढ़ाई तक नहीं हो पा रही है। विद्यालयों के अपग्रेड कर उच्च शिक्षा देने के लिए सरकार ने भारी-भरकम रकम खर्च कर विद्यालय का भवन निर्माण करा दिया, लेकिन शिक्षकों के कमी के कारण छात्रों को उच्च शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है। फलस्वरुप, आज भी छात्रों को कई किमी की दूरी तय कर शिक्षा के लिए अन्य विद्यालयों की शरण में जाना पड़ रहा है। जबकि सरकार ने सभी छात्रों को पंचायत में ही माध्यमिक शिक्षा के साथ उच्च शिक्षा दिलाने की बात कही थी। दरअसल, बेनीपट्टी प्रखंड के नगवास के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय को शिक्षा विभाग ने अपग्रेड का दर्जा देकर करोड़ों की लागत से भवन का निर्माण करा दिया। आलम ये है कि विभाग की लापरवाही के कारण माध्यमिक शिक्षा के लिए शिक्षकों की फौज तो दूर लिपिक, आदेशपाल के साथ रात्रि प्रहरी का भी पद रिक्त ही रख दिया। भवन के देखरेख के लिए प्रहरी नहीं होने के कारण असमाजिक तत्व विद्यालय के खिड़की में लगे शीशा को क्षतिग्रस्त कर रहे है। गौरतलब है कि नगवास के माध्यमिक विद्यालय में फिलहाल 220 छात्रों का नामांकित है। जिन्हें शिक्षा ग्रहण कराने के लिए मात्र प्रभारी समेत तीन शिक्षक ही प्रतिनियुक्त किए गये है। ऐसी स्थिति में विद्यालय में पढ़ाई का स्तर क्या होगा, इसका अंदाजा लगाना सहज है। विद्यालय के एचएम विरेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया कि एक वर्ष पूर्व माध्यमिक का भवन निर्माण कराया गया। उसके बाद माध्यमिक की शिक्षा देने का भरसक प्रयास किया जा रहा है। परंतु शिक्षकों एवं उपस्करों की घोर कमी के कारण विद्यालय के सफल संचालन में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। वहीं छात्रों ने बताया कि माध्यमिक की पढ़ाई स्कूल में नहीं के बराबर हो रही है। एसएसटी व साईंस के शिक्षक के अलावे अन्य विषय के शिक्षक नहीं है। जिसके कारण कई सिलेबस की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। उधर सूत्रों की माने तो विभाग की इस चाल के कारण कई छात्र दूसरे विद्यालय में नामांकन कराकर पढ़ाई कर रहे है। प्रधानाध्यापक ने बताया कि शिक्षकों की कमी के संबंध में कई बार विभागीय पत्राचार किया जा चुका है। बावजूद विभाग से शिक्षकों की तैनाती नहीं की जा रही है।