मिथिला बिभूति 10

९१. चन्द्रनाथ मिश्र अमर 1925-
जन्म: खोजपुर, मधुबनी । वरिष्ठ कवि, कथाकार-उपन्यासकार । हास्य-व्यंग्यक कवितामे बेजोड़। मैथिलीक लेल समर्पित व्यक्तित्व । पांच दर्जनसं बेसी कथा आ विदागरी, वीरकन्या (उपन्यास) जल समाधि (कथा संग्रह) प्रकाशित । ’पत्रकारिताक इतिहास’ लेल साहित्य अकादमीसं सम्मानित। एम. एल. एकेडमी, लहेरिरियासराय सं शिक्षकक रूपमे अवकाश प्राप्त। आशा दिशा, गुदगुदी, युगचक्र, उनटा पाल आदि कविता संग्रह प्रकाशित।

९२.जयधारी सिंह 1929-2007
समीक्षक, कवि । प्रकाशन: बौद्धगानमे तांत्रिक सिद्धांत, समीक्षा शास्त्रा अदि । रामकृष्ण कॉलेज, मधुबनीमै मैथिली विभागक पूर्व अध्यक्ष

९३.गोपालजी झा 'गोपेश' 1931-2008
जन्म मधुबनी जिलाक मेहथ गाममे १९३१ ई.मे भेलन्हि। हिनकर रचित “सोन दाइक चिट्ठी”, “गुम भेल ठाढ़ छी”, “एलबम” “आब कहू मन केहन लगैए”, "मखानक पात" प्रकाशित भेल जाहिमे सोनदाइक चिट्ठी बेश लोकप्रिय भेल

९४. ललित 1932-1983
जन्म स्थान बसैठ चानपुरा मधुबनी, बिहार । प्रसिद्ध कथाकार ओ उपन्यासकार । प्रकाशित कृति: प्रतिनिधि, (कथा संग्रह), पृथ्वी-पुत्र (उपन्यास) आदि।

९५. धूमकेतु 1932-2000
जन्म स्थान कोइलख, मधुबनी, बिहार । प्रसिद्ध कथाकार, उपन्यासकार ओ कवि । प्रकाशित कृति : दू टा कथा संग्रह ओ एक टा उपन्यास ।

९६. राजमोहन झा 1934-
जन्म स्थान कुमरबाजितपुर, वैशाली, बिहार । प्रख्यात कथाकार ओ संपादक । आइ काल्हि परसू (कथा-संग्रह) लेल साहित्य अकादेमीसँ सम्मानित । प्रकाशित कृति : एक आदि एकांत, झूठ साँच, एकटा तेसर, अनुलग्नक,आइ काल्हि परसू (कथा संग्रह), गलतीनामा, भनहि विद्यापति, टीप्पणीत्यादि (आलोचना)। ’आरम्भ’ पत्रिकाक संपादन।प्रबोध सम्मान 2009 सँ सम्मानित।

९७. डॉ. धीरेन्द्र 1934-2004
जन्म स्थान लोहन, सरिसब पाही, मधुबनी, बिहार । प्रसिद्ध कथाकार,उपन्यासकार ओ कवि । प्रकाशित कृति: कुहेस आ किरण, पझाइत घूरक आगि, शतरूपा ओ मनु अपन मन्दिर (कथासंग्रह) हैंगरमे टाँगल कोट, काल्हि ओ आइ (कविता संग्रह) सहित कैक विधामे विभिन्न पोथी।

९८. सोमदेव 1934-

उपन्यासकार ओ कवि । साहित्य अकादेमी पुरस्कारसँ सम्मानित । प्रकाशित कृति: चानोदाइ, होटल अनारकली (उपन्यास), काल ध्वनि (कविता संग्रह), चरैवेति (गीति नाट्य) सोम सतसइ (दोहा)।

९९. रमानन्द रेणु 1934-

जन्म स्थान उसमामठ, दरभंगा, बिहार । वरिष्ठ कवि, कथाकार ओ उपन्यासकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कारसँ सम्मानित। प्रकाशित कृति: कचोट, त्रिकोण, अंतहीन आकाश (कथा-संग्रह), दूधफूल (उपन्यास), अंतत:, ओकरे नाम (कविता-संग्रह)

१००. रामभद्र, धनुषा, नेपाल 1935-

साहित्य तथा अन्यान्य क्षेत्रक कतोक सफल व्यक्तिसभ अपन प्रेरणास्रोत आ पथ-प्रदर्शक मानैत छथि । मैथिली साहित्य-क्षेत्रमे हिनक परिचयक मादे एतबाए कहब पर्याप्त होएत जे मैथिलीक मूर्द्धन्य साहित्यकार डा. धीरेन्द्र हिनका मैथिली साहित्यक सर्वश्रेष्ठ कथाकार मानैत छथि ।हिनक कथामे प्रतीकात्मकताक अदभुत प्रयोगहिटा नहि, अपितु एकटा आदर्श कथाक समस्त वैशिष्टसभविद्यमान रहैत अछि । कथाकारक अतिरिक्त ई उत्कृष्ट समालोचक, नाटककार आ कवि सेहो छथि । नेपालमे  मैथिलीक पहिल मोनोड्रामा लिखबाक श्रेय सेहो हिनका जाइत छनि ।सामाजिक कुरीतिसभकँ कुशलतासँ चित्रण करबामे, चिन्तनीय बनएबामे आ मन-मस्तिष्कपर अमिट छाप छोड़बामे रामभद्र सिद्धहस्त छथि । धनुषा जिलाक कुर्था गाममे जनमल रामभद्रक पूर्ण नाम रामभद्र कर्ण छनि । अग्ङरेजी विषयक अवकाशप्राप्त शिक्षक रामभद्र व्याकरण, पाठयपुस्तक आ सहायक पुस्तकसभ लिखबाक काजमे निरन्तर सक्रिय छथि।


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