६१.जीवकान्त-पूर्ण नाम- जीवकान्त झा
पिता-गुणानन्द झा, माता-महेश्वरी देवी, जन्म तिथि-२५.०७.१९३६ स्थान अभुआढ़, जिला-सुपौल शिक्षा-मैट्रिक (१९५५ उ.वि.डेवढ़), आइ.एस.सी. (१९५७ आर.के.कॉलेज, मधुबनी), बी.ए. (१९६४ बिहार वि.वि.स्वतंत्र छात्र), डिप.इन.एड.(१९६९ मिथिला वि.वि.) नौकरी-उच्च विद्यालयमे सहायक शिक्षक। विज्ञान शिक्षक (उ.वि.खजौली १९५७-८१), हिन्दी शिक्षक (उ.वि.डेओढ़ एवं उ.वि.पोखराम १९८१-९८) पहिल रचना-इजोड़िया आ टिटही (कविता, जनवरी १९६५ मिथिला मिहिर) पहिल छपल पोथी- दू कुहेसक बाट (उपन्यास १९६८) नवीनतम पोथी-खिखिरक बीअरि (२००७ बाल पद्य कथा), अठन्नी खसलइ वनमे (पद्य- कथा संग्रह) आ पंजरि प्रेम प्रकासिया (जीवन-वृत्तक अंश) प्रेसमे पुरस्कार-साहित्य अकादेमी (दिल्ली १९९८), किरण सम्मान (१९९८), वैदेही सम्मान (१९८५) प्रकाशित पोथी- कविता संग्रह: नाचू हे पृथ्वी (७१), धार नहि होइछ मुक्त (९१), तकैत अछि चिड़ै (९५), खाँड़ो (१९९६), पानिमे जोगने अछि बस्ती (९८), फुनगी नीलाकाशमे (२०००), गाछ झूल-झूल (२००४), छाह सोहाओन (२००६), खिखिरिक बीअरि (२००७) कथा-संग्रह: एकसरि ठाढ़ि कदम तर रे (७२), सूर्य गलि रहल अछि (७५), वस्तु (८३), करमी झील (९८) उपन्यास: दू कुहेसक बाट(६८), पनिपत(७७), नहि, कतहु नहि (७६), पीयर गुलाब छल (७१), अगिनबान (८१) हिन्दी अनुवाद- निशान्त की चिड़िया (हिन्दी अनुवाद-तकैत अछि चिड़ै, साहित्य अकादमी, दिल्ली २००३) जीवकांत 1936- जन्म स्थान ड्योढ़, घोघरडीहा, मधुबनी, बिहार । विशिष्ट कथाकार, कवि, उपन्यासकार । ’तकैत अछि चिड़ै’ (कविता) हेतु साहित्य अकादेमी पुरस्कारसँ सम्मानित । प्रकाशित कृति: एकसरि ठाढ़ि कदम तर रे, सूर्य गलि रहल आछि, वस्तु, करमी झील (कथा संग्रह), दू कुहेसक बाट, पीयर गुलाब छल, नहि कतहु नहि पनिपत, अगिनबान (उपन्यास), नाचू हे पृथ्वी, तकैत अछि चिड़ै, खाँड़ो (कवितासंग्रह)।
६२. महाकवि लालदास
1856-1921 हिनक जन्म खड़ौआ ग्राममे १८५६ ई. मे तथा मृत्यु १९२१ ई. मे भेलन्हि । हिनक अनेक रचना उपलब्ध होइत अछि, यथा—रमेश्वर चरित रामायाण,’ स्त्री शिक्षा,’ ’सावित्री- सत्यवान,’ ’चण्डी चरित,’ ’विरुदावली,’ ’दुर्गा सप्तशती,’ तन्त्रोक्त मिथिला माहात्म्य’ आदि । मैथिलीक अतिरिक्त ई संस्कृत, हिन्दी तथा फारसीक ज्ञाता छलाह । कविताक अतिरिक्त गद्यमे सेहो ई रचना कएल । रमेश्वर चरित रामायण हिनक सभसँ विशिष्ट ग्रन्थ अछि । राम-कथाक उल्लेखमे सीताक महिमाक महत्त्व दए मिथिला तथा मैथिलीक प्रति ई अपन श्रद्धा तथा भक्तिकेँ व्यक्त कएल अछि ।
६३.म. म. परमेश्वर झा
1856-1924 जन्म 1856 ई. मे तरौनी ग्राम (दरभंगा) जिलामे भेल छलन्हि तथा निधन 1924 ई. मे । संस्कृत व्याकरणक ई दिग्गज विद्वान् छलाह तथा ‘वैयाकरण केशरी’ क उपाधिसँ विभूषित छलाह । मैथिली साहित्यमे अपन कृति ‘मिथिलातत्त्व विमर्श’ तथा ‘सीमंतिनी आख्यायिका’क कारणे महत्त्वपूर्ण स्थान रखैत छथि । ई महाराज रमेश्वर सिंहक दरवारमे राज-पंडितक पदपर अनेको वर्ष धरि सुप्रतिष्ठित छलाह ।
६४.मुकुन्द झा "बख्शी" 1869-1936
जन्म हरिपुर बख्शी टोल ग्राम (मधुबनी जिला) मे 1869 ई. मे भेल तथा हिनक निधन काशीमे 1937 ई. मे भेलन्हि । हिनक लिखल संस्कृत मे अनेक ग्रंथ अछि । मैथिलीमे हिनक महत्त्वपूर्ण कृति अछि ‘मिथिला भाषामय इतिहास’ । एकर अतिरिक्त मैथिलीमे हिनक स्फुट निबन्ध सभ सेहो प्रकाशित भेल । मिथिलाक ऐतिहासिक वर्णन सभसँ पहिने हिनके प्रकाशित भेल । एहि इतिहासमे मिथिलाक सर्वतोमुखी परिचय प्रस्तुत कएल गेल अछि ।
६५.डॉ. सर गंगानाथ झा
1871-1941 जन्म मधुबनी जिलाक सरिसब-पाही ग्राममे 1871 ई. मे भेल तथा निधन प्रयागमे 1941 ई. मे । ई अपना समयक संस्कृतक प्रकाण्ड विद्वान म. म. चित्रधर मिश्र, म. म. जयदेव मिश्र तथा म. म. शिवकुमार शास्त्नीसँ मीमांसा एवं दर्शनक अध्ययन कएलन्हि तथा दर्शनक विभित्र दुरूह ग्रंथक अङरेजीमे अनुवाद कए पाश्चात्य संसारक ध्यान आकृष्ट कएलन्हि । ई गवर्नमेन्ट संस्कृत कॉलेज बनारसमे 1917 सँ 1923 धरि प्रिसिपल छलाह तथा एलाहाबाद विश्वविद्यालयक 1923 सँ 1932 पर्यन्त कुलपति रहलाह । मैथिलीमे हिनक सम्पादित चन्दा झाक ‘महेशवाणी संग्रह’ तथा ‘गणनाथ- विन्ध्यनाथ पदावली’ प्रकाशित अछि । मैथिली साहित्य परिषद् द्वारा प्रकाशित हिनक ‘वेदान्त दीपक’ (दर्शन) विषयक अपूर्व ग्रंथ अछि । एहिसँ भिन्न हिनक निबंध सभ सामयिक मैथिली पत्न-पत्निकामे प्रकाशित अछि ।
६६. बलदेव मिश्र 1890-1975
हिनक जन्म सहरसा जिलाक वनगाँव ग्राममे 1890 ई. मे एवं निधन फरवरी, 1975मे भेलन्हि । प्रारम्भमे पं. गेनालाल चौधरीसँ ज्यौतिष पढ़ि ई काशीमे पं. सुधाकर द्विवेदीजीक शिष्य भेलाह । बहुत वर्ष धरि सरस्वती भवन (वाराणसी) मे हस्तलिखित विभागमे कार्य कएल । पश्चात् पटनाक काशीप्रसाद जयसवाल रिसर्च संस्थानमे अनेक प्राचीन तिब्बती हस्तलिपिकेँ देवनारीमे लिप्यन्तरित कएल। ’मिथिलामोद’ प्रकाशन एवं म.म. मुरलीधर झाक प्रोत्साहनसँ ज्यौतिषीजी १९१० ई.सँ ’मोद’मे लिखए लगलाह। हिनक प्रकाशित रचना अछि—’रामायण शिक्षा’, ’चन्दा झा’, ’संस्कृति’, ’भारत शिक्षा’, ’गप्प सप्प विवेक’, ’समाज’ आदि । पण्डितजी यावत् धरि पटना रहलाह बराबरि ’मिहिर’मे लिखैत रहलाह ।
६७.सीताराम झा 1891-1975
जन्म चौगामा ग्राममे १८९१ ई.मे तथा निधन १९७५ ई. मे भेलन्हि । संस्कृतमे ज्योतिष शास्त्रक अनेक रचनाक .अतिरिक्त मैथिली मे हिनक ’अम्ब चरित’ (महाकाव्य), ’सूक्ति सुधा,’ लोक लक्षण,’ ’पढ़ुआचरित,’ ’पूर्वापर व्यवहार,’ उनटा बसात,’ ’अलंकार दर्पण’, ’भूकम्प वर्णन’, ’काव्य षट-रस’, ’मैथिली काव्योपवन’, आदि ग्रन्थ उपलब्ध अछि । हिनक गीताक मैथिली अनुवाद सेहो उपलब्ध अछि । मिथिला मोदक सम्पादन १९२० ई.सँ १९२७ ई. धरि ई कएल ।
६८.बद्रीनाथ झा 1893-1973
जन्म मधुबनी जिलाक सरिसव ग्राममे १८९३ ई. मे भेलन्हि तथा १९१४ ई. मे ई काशी लाभ कएलिन्ह । बहुत दिन धरि ई मुजफ्फरपुरक धर्म्म समाज संस्कृत कॉलेजमे साहित्यक अध्यापक छलाह । मैथिलीक विख्यात कवि लोकनि यथा सुमनजी, मधुपजी, मोहनजी आदि हिनक शिष्य छथिन्ह । संस्कृत साहित्यमे हिनक अनेक रचना अछि । जाहिमे राधा परिणय’ (महाकाव्य) क स्थान विशिष्ट अछि । मैथिलीमे हिनक ’एकावली परिणय’ (महाकाव्य) एक नवीन कीर्तिमान स्थापित कएलक। कोनो अलंकारक दृष्टान्त तकबाक हेतु ’एकावली परिणय’ पर्याप्त अछि ।
६९.उमेश मिश्र 1895-1967
जन्म मधुबनी जिलाक गजहरा ग्राममे 1895 ई. मे भेल छलन्हि । ई एकहतरि वर्षक आयुमे १९६७ ई. मे प्रयागमे स्वर्गवासी भेलाह । ई अपन स्वनाम-धन्य पिता म. म. जयदेव मिश्र तथा म. म. डा. गंगानाथ झाक सान्निध्यमे विद्यार्जन कएल। १९२३ सँ १९५९ धरि मिश्रजी एलाहाबाद विश्वविद्यालय मे संस्कृतक प्राध्यापक छलाह । दरभंगा ’मिथिला शोध संस्थान’क निदेशक पदपर किछु समय कार्य कए १९६२ सँ ६५ धरि कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालयक कुलपति रहलाह ।म. म. मुरलीधर झासँ प्रभावित भए ’मिथिलामोद’मे ई लिखब प्रारम्भ कएलन्हि तथा अपन विविध प्रकारक रचनासँ मैथिलीक गद्यकेँ समृद्ध् कएलन्हि । मैथिलीमे हिनक प्रसिद्ध ग्रन्थ अछि—’कमला’ (शेक्सपीयरक ’टेम्पेस्ट’क भावानुवाद), ’नलोपाख्यान’, ‘मैथिली- संस्कृति’ तथा अनेक वर्णनात्मक एवं आलोचनात्मक निबन्ध; मनबोधक कृष्णजन्मक सम्पादन, विद्यापतिक कीर्तिलता, कीर्तिपताका, गोरक्ष विजय आदिक अनुवाद- सम्पादन सेहो कएल।
७०. अमरनाथ झा 1897-1955
सरिसब पाहीटोल ग्राममे १८९७ ई. मे भेल । हिनक निधन पटनामे जखन ई बिहार लोक सेवा आयोगक अध्यक्ष छलाह, १९५५ मे भेलन्हि । ई एलाहाबाद विश्वविद्यालयक नओ वर्ष धरि कुलपति रहि पश्चात् हिन्दू विश्वविद्यालयक सेहो कुलपतिक पदकेँ सुशोभित कएलन्हि । ई अंगरेजीक प्रकाण्ड विद्वान् छलाह, ताहि संग हिन्दी, उर्दू, फारसी, संस्कृत, बङला एवं मैथिलीक सेहो अद्भुत विद्वान् छलाह ।मैथिली मे हिनका द्वारा सम्पादित ‘हर्षनाथ काव्य ग्रन्थावली’ तथा ‘गोविन्ददासक श्रृग्ङारभजन’ महत्त्वपूर्ण अछि । एहिसँ भिन्न हिनक मैथिली साहित्य परिषदक अध्यक्षीय भाषण तथा अन्य लेख प्रकाशित अछि ।
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पिता-गुणानन्द झा, माता-महेश्वरी देवी, जन्म तिथि-२५.०७.१९३६ स्थान अभुआढ़, जिला-सुपौल शिक्षा-मैट्रिक (१९५५ उ.वि.डेवढ़), आइ.एस.सी. (१९५७ आर.के.कॉलेज, मधुबनी), बी.ए. (१९६४ बिहार वि.वि.स्वतंत्र छात्र), डिप.इन.एड.(१९६९ मिथिला वि.वि.) नौकरी-उच्च विद्यालयमे सहायक शिक्षक। विज्ञान शिक्षक (उ.वि.खजौली १९५७-८१), हिन्दी शिक्षक (उ.वि.डेओढ़ एवं उ.वि.पोखराम १९८१-९८) पहिल रचना-इजोड़िया आ टिटही (कविता, जनवरी १९६५ मिथिला मिहिर) पहिल छपल पोथी- दू कुहेसक बाट (उपन्यास १९६८) नवीनतम पोथी-खिखिरक बीअरि (२००७ बाल पद्य कथा), अठन्नी खसलइ वनमे (पद्य- कथा संग्रह) आ पंजरि प्रेम प्रकासिया (जीवन-वृत्तक अंश) प्रेसमे पुरस्कार-साहित्य अकादेमी (दिल्ली १९९८), किरण सम्मान (१९९८), वैदेही सम्मान (१९८५) प्रकाशित पोथी- कविता संग्रह: नाचू हे पृथ्वी (७१), धार नहि होइछ मुक्त (९१), तकैत अछि चिड़ै (९५), खाँड़ो (१९९६), पानिमे जोगने अछि बस्ती (९८), फुनगी नीलाकाशमे (२०००), गाछ झूल-झूल (२००४), छाह सोहाओन (२००६), खिखिरिक बीअरि (२००७) कथा-संग्रह: एकसरि ठाढ़ि कदम तर रे (७२), सूर्य गलि रहल अछि (७५), वस्तु (८३), करमी झील (९८) उपन्यास: दू कुहेसक बाट(६८), पनिपत(७७), नहि, कतहु नहि (७६), पीयर गुलाब छल (७१), अगिनबान (८१) हिन्दी अनुवाद- निशान्त की चिड़िया (हिन्दी अनुवाद-तकैत अछि चिड़ै, साहित्य अकादमी, दिल्ली २००३) जीवकांत 1936- जन्म स्थान ड्योढ़, घोघरडीहा, मधुबनी, बिहार । विशिष्ट कथाकार, कवि, उपन्यासकार । ’तकैत अछि चिड़ै’ (कविता) हेतु साहित्य अकादेमी पुरस्कारसँ सम्मानित । प्रकाशित कृति: एकसरि ठाढ़ि कदम तर रे, सूर्य गलि रहल आछि, वस्तु, करमी झील (कथा संग्रह), दू कुहेसक बाट, पीयर गुलाब छल, नहि कतहु नहि पनिपत, अगिनबान (उपन्यास), नाचू हे पृथ्वी, तकैत अछि चिड़ै, खाँड़ो (कवितासंग्रह)।
६२. महाकवि लालदास
1856-1921 हिनक जन्म खड़ौआ ग्राममे १८५६ ई. मे तथा मृत्यु १९२१ ई. मे भेलन्हि । हिनक अनेक रचना उपलब्ध होइत अछि, यथा—रमेश्वर चरित रामायाण,’ स्त्री शिक्षा,’ ’सावित्री- सत्यवान,’ ’चण्डी चरित,’ ’विरुदावली,’ ’दुर्गा सप्तशती,’ तन्त्रोक्त मिथिला माहात्म्य’ आदि । मैथिलीक अतिरिक्त ई संस्कृत, हिन्दी तथा फारसीक ज्ञाता छलाह । कविताक अतिरिक्त गद्यमे सेहो ई रचना कएल । रमेश्वर चरित रामायण हिनक सभसँ विशिष्ट ग्रन्थ अछि । राम-कथाक उल्लेखमे सीताक महिमाक महत्त्व दए मिथिला तथा मैथिलीक प्रति ई अपन श्रद्धा तथा भक्तिकेँ व्यक्त कएल अछि ।
६३.म. म. परमेश्वर झा
1856-1924 जन्म 1856 ई. मे तरौनी ग्राम (दरभंगा) जिलामे भेल छलन्हि तथा निधन 1924 ई. मे । संस्कृत व्याकरणक ई दिग्गज विद्वान् छलाह तथा ‘वैयाकरण केशरी’ क उपाधिसँ विभूषित छलाह । मैथिली साहित्यमे अपन कृति ‘मिथिलातत्त्व विमर्श’ तथा ‘सीमंतिनी आख्यायिका’क कारणे महत्त्वपूर्ण स्थान रखैत छथि । ई महाराज रमेश्वर सिंहक दरवारमे राज-पंडितक पदपर अनेको वर्ष धरि सुप्रतिष्ठित छलाह ।
६४.मुकुन्द झा "बख्शी" 1869-1936
जन्म हरिपुर बख्शी टोल ग्राम (मधुबनी जिला) मे 1869 ई. मे भेल तथा हिनक निधन काशीमे 1937 ई. मे भेलन्हि । हिनक लिखल संस्कृत मे अनेक ग्रंथ अछि । मैथिलीमे हिनक महत्त्वपूर्ण कृति अछि ‘मिथिला भाषामय इतिहास’ । एकर अतिरिक्त मैथिलीमे हिनक स्फुट निबन्ध सभ सेहो प्रकाशित भेल । मिथिलाक ऐतिहासिक वर्णन सभसँ पहिने हिनके प्रकाशित भेल । एहि इतिहासमे मिथिलाक सर्वतोमुखी परिचय प्रस्तुत कएल गेल अछि ।
६५.डॉ. सर गंगानाथ झा
1871-1941 जन्म मधुबनी जिलाक सरिसब-पाही ग्राममे 1871 ई. मे भेल तथा निधन प्रयागमे 1941 ई. मे । ई अपना समयक संस्कृतक प्रकाण्ड विद्वान म. म. चित्रधर मिश्र, म. म. जयदेव मिश्र तथा म. म. शिवकुमार शास्त्नीसँ मीमांसा एवं दर्शनक अध्ययन कएलन्हि तथा दर्शनक विभित्र दुरूह ग्रंथक अङरेजीमे अनुवाद कए पाश्चात्य संसारक ध्यान आकृष्ट कएलन्हि । ई गवर्नमेन्ट संस्कृत कॉलेज बनारसमे 1917 सँ 1923 धरि प्रिसिपल छलाह तथा एलाहाबाद विश्वविद्यालयक 1923 सँ 1932 पर्यन्त कुलपति रहलाह । मैथिलीमे हिनक सम्पादित चन्दा झाक ‘महेशवाणी संग्रह’ तथा ‘गणनाथ- विन्ध्यनाथ पदावली’ प्रकाशित अछि । मैथिली साहित्य परिषद् द्वारा प्रकाशित हिनक ‘वेदान्त दीपक’ (दर्शन) विषयक अपूर्व ग्रंथ अछि । एहिसँ भिन्न हिनक निबंध सभ सामयिक मैथिली पत्न-पत्निकामे प्रकाशित अछि ।
६६. बलदेव मिश्र 1890-1975
हिनक जन्म सहरसा जिलाक वनगाँव ग्राममे 1890 ई. मे एवं निधन फरवरी, 1975मे भेलन्हि । प्रारम्भमे पं. गेनालाल चौधरीसँ ज्यौतिष पढ़ि ई काशीमे पं. सुधाकर द्विवेदीजीक शिष्य भेलाह । बहुत वर्ष धरि सरस्वती भवन (वाराणसी) मे हस्तलिखित विभागमे कार्य कएल । पश्चात् पटनाक काशीप्रसाद जयसवाल रिसर्च संस्थानमे अनेक प्राचीन तिब्बती हस्तलिपिकेँ देवनारीमे लिप्यन्तरित कएल। ’मिथिलामोद’ प्रकाशन एवं म.म. मुरलीधर झाक प्रोत्साहनसँ ज्यौतिषीजी १९१० ई.सँ ’मोद’मे लिखए लगलाह। हिनक प्रकाशित रचना अछि—’रामायण शिक्षा’, ’चन्दा झा’, ’संस्कृति’, ’भारत शिक्षा’, ’गप्प सप्प विवेक’, ’समाज’ आदि । पण्डितजी यावत् धरि पटना रहलाह बराबरि ’मिहिर’मे लिखैत रहलाह ।
६७.सीताराम झा 1891-1975
जन्म चौगामा ग्राममे १८९१ ई.मे तथा निधन १९७५ ई. मे भेलन्हि । संस्कृतमे ज्योतिष शास्त्रक अनेक रचनाक .अतिरिक्त मैथिली मे हिनक ’अम्ब चरित’ (महाकाव्य), ’सूक्ति सुधा,’ लोक लक्षण,’ ’पढ़ुआचरित,’ ’पूर्वापर व्यवहार,’ उनटा बसात,’ ’अलंकार दर्पण’, ’भूकम्प वर्णन’, ’काव्य षट-रस’, ’मैथिली काव्योपवन’, आदि ग्रन्थ उपलब्ध अछि । हिनक गीताक मैथिली अनुवाद सेहो उपलब्ध अछि । मिथिला मोदक सम्पादन १९२० ई.सँ १९२७ ई. धरि ई कएल ।
६८.बद्रीनाथ झा 1893-1973
जन्म मधुबनी जिलाक सरिसव ग्राममे १८९३ ई. मे भेलन्हि तथा १९१४ ई. मे ई काशी लाभ कएलिन्ह । बहुत दिन धरि ई मुजफ्फरपुरक धर्म्म समाज संस्कृत कॉलेजमे साहित्यक अध्यापक छलाह । मैथिलीक विख्यात कवि लोकनि यथा सुमनजी, मधुपजी, मोहनजी आदि हिनक शिष्य छथिन्ह । संस्कृत साहित्यमे हिनक अनेक रचना अछि । जाहिमे राधा परिणय’ (महाकाव्य) क स्थान विशिष्ट अछि । मैथिलीमे हिनक ’एकावली परिणय’ (महाकाव्य) एक नवीन कीर्तिमान स्थापित कएलक। कोनो अलंकारक दृष्टान्त तकबाक हेतु ’एकावली परिणय’ पर्याप्त अछि ।
६९.उमेश मिश्र 1895-1967
जन्म मधुबनी जिलाक गजहरा ग्राममे 1895 ई. मे भेल छलन्हि । ई एकहतरि वर्षक आयुमे १९६७ ई. मे प्रयागमे स्वर्गवासी भेलाह । ई अपन स्वनाम-धन्य पिता म. म. जयदेव मिश्र तथा म. म. डा. गंगानाथ झाक सान्निध्यमे विद्यार्जन कएल। १९२३ सँ १९५९ धरि मिश्रजी एलाहाबाद विश्वविद्यालय मे संस्कृतक प्राध्यापक छलाह । दरभंगा ’मिथिला शोध संस्थान’क निदेशक पदपर किछु समय कार्य कए १९६२ सँ ६५ धरि कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालयक कुलपति रहलाह ।म. म. मुरलीधर झासँ प्रभावित भए ’मिथिलामोद’मे ई लिखब प्रारम्भ कएलन्हि तथा अपन विविध प्रकारक रचनासँ मैथिलीक गद्यकेँ समृद्ध् कएलन्हि । मैथिलीमे हिनक प्रसिद्ध ग्रन्थ अछि—’कमला’ (शेक्सपीयरक ’टेम्पेस्ट’क भावानुवाद), ’नलोपाख्यान’, ‘मैथिली- संस्कृति’ तथा अनेक वर्णनात्मक एवं आलोचनात्मक निबन्ध; मनबोधक कृष्णजन्मक सम्पादन, विद्यापतिक कीर्तिलता, कीर्तिपताका, गोरक्ष विजय आदिक अनुवाद- सम्पादन सेहो कएल।
७०. अमरनाथ झा 1897-1955
सरिसब पाहीटोल ग्राममे १८९७ ई. मे भेल । हिनक निधन पटनामे जखन ई बिहार लोक सेवा आयोगक अध्यक्ष छलाह, १९५५ मे भेलन्हि । ई एलाहाबाद विश्वविद्यालयक नओ वर्ष धरि कुलपति रहि पश्चात् हिन्दू विश्वविद्यालयक सेहो कुलपतिक पदकेँ सुशोभित कएलन्हि । ई अंगरेजीक प्रकाण्ड विद्वान् छलाह, ताहि संग हिन्दी, उर्दू, फारसी, संस्कृत, बङला एवं मैथिलीक सेहो अद्भुत विद्वान् छलाह ।मैथिली मे हिनका द्वारा सम्पादित ‘हर्षनाथ काव्य ग्रन्थावली’ तथा ‘गोविन्ददासक श्रृग्ङारभजन’ महत्त्वपूर्ण अछि । एहिसँ भिन्न हिनक मैथिली साहित्य परिषदक अध्यक्षीय भाषण तथा अन्य लेख प्रकाशित अछि ।