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शादी का एक अनोखा मामला सामने आया है। मंगलवार को जेल में गीता ने बद्री यादव के साथ सात फेरे ली। मंडल कारा के अधिकारियों को साक्षी मानकर शादी की रस्में पूरी की। मंडल कारा के बंदियों ने बारात की भूमिका निभाई।

एससी एसटी मामलों के स्पेशल जज तथा जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम सैयद मोहम्मद फजलुल बारी की अदालत के अनुमति से मंडल कारा में शादी समारोह का आयोजन किया गया। मंडल कारा अधीक्षक ओम प्रकाश शांति भूषण ने बताया कि फुलपरास थाना क्षेत्र के हनुमान नगर निवासी बद्री यादव मंडल कारा में पूर्व से काराधीन है। कोर्ट के आदेश के आलोक में मंडल कारा में शादी समारोह का आयोजन किया गया। शादी के लिए जरूरी संसाधन जेल प्रशासन की ओर से मुहैया कराया गया। 

उच्च न्यायालय ने शादी के सत्यापन का दिया था आदेश 

मधुबनी,पटना उच्च न्यायालय में बद्री यादव के वकील गगन देव यादव ने बताया कि वर्ष 2022 में गीता कुमारी के पति कृष्ण देव यादव की मौत हो गई थी। कृष्णदेव यादव का छोटा भाई बद्री यादव एवं गीता देवी के बीच नजदीकियां बढ़ती गई। सामाजिक स्तर पर दोनों पति-पत्नी के रूप में रहने लगे। आपस में मतभेद होने के बाद गीता देवी ने 29 जून 2024 को तत्कालीन महिला थानाध्यक्ष विनीता कुमारी को आवेदन देकर बद्री यादव पर एफआईआर दर्ज करने की गुहार लगाई।

बद्री यादव न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिए गए। इसी मामले में बद्री यादव की ओर से पटना उच्च न्यायालय में जमानत अर्जी दाखिल किया गया। उच्च न्यायालय ने जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए निचली अदालत को दोनों के बीच विवाह के सत्यापन सुनिश्चित करने के बाद ही बंध पत्र स्वीकार करने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में मंडल कारा में बंद बद्री यादव ने जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश एसएमएफ बारी की अदालत में गीता के साथ शादी रचाने के लिए अर्जी दाखिल किया। कोर्ट की अनुमति के बाद मंगलवार को शादी संपन्न हुआ।


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