बेनीपट्टी (मधुबनी)। शिक्षा विभाग के लापरवाही के कारण बेनीपट्टी प्रखंड का शिक्षा व्यवस्था चौपट हो रहा है। प्रभारी बीईओ के स्कूल निरीक्षण नहीं करने के कारण स्कूला में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। विद्यालय प्रभारी के नियम पर स्कूल का संचालन किया जा रहा है। खासकर सुदूर ग्रामीण इलाकों में तो स्कूल न के बराबर संचालन किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो इन विद्यालय प्रभारियों की सेटिंग बीआरसी में होने के कारण स्कूल का संचालन कागजों पर ही सिमट कर रह गया है। शिक्षा के स्तर की बात करें तो पांचवी वर्ग की छात्रा तो दूर विद्यालय की शिक्षिका भी देश के उपराष्ट्रपति का नाम सही से नहीं लिख पा रही है। शिक्षा का स्तर सतही होने के बावजूद विभागीय अधिकारी ऐसे विद्यालय प्रभारी पर काररवाई तक नहीं कर पा रहे है। स्कूलों में गिरते शैक्षणिक माहौल के कारण अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूल के बजाय निजी विद्यालयों में पढ़ाई कराने को विवश है। प्रखंड के पाली पंचायत के मंझिला टोल स्थित राजकीय प्राथमिक कन्या विद्यालय का भी हाल कुछ ऐसा ही है। जहां नामांकित करीब साढ़े तीन सौ छात्र-छात्राओं में महज आधे ही बच्चें स्कूल आते है। छात्रों के मौजूदगी के बाद स्कूल में शिक्षकों की अपनी एक अलग ही क्लास चलायी जाती है। गौरतलब है कि पाली के सुदूर ग्रामीण इलाकों में शिक्षा का अलख जगाने के लिए खूले स्कूल में शैक्षणिक माहौल पूरी तरह गायब है।विभाग की ओर से प्रत्येक वर्ष विकास मद में राशि देने के बाद भी स्कूल में कई वर्षों से रंगाई-पुताई तक नहीं की गयी है। स्कूल के लिए आवंटित चहारदिवारी की राशि होने के बाद भी स्कूल की चहारदिवारी तक नहीं की गयी। जिससे आये दिन स्कूल में आवारा पशुओं के आवाजाही होती रहती है। स्कूल में करीब साढ़े तीन सौ बच्चों को शिक्षा देने के लिए स्कूल में कुल छह शिक्षक प्रतिनियुक्त है, परंतु स्कूल में शिक्षा का बयार नहीं बह रहा है। स्कूल के प्रभारी कृतिनारायण राम ने बताया कि विभाग से प्राप्त संसाधन पर स्कूल का संचालन किया जा रहा है। चहारदिवारी पूर्व प्रभारी के कार्यकाल में निर्माण कराया गया था।


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