मधुबनी। जिला परिषद को आर्थिक रुप से सबल बनाया जाना जरूरी है। इसके लिए इसकी खाली पड़ी भूमि का उपयोग व्यावसायिक दृष्टिकोण से हो, इसकी पहल की जा रही है। जिप की सामान्य बैठक की अध्यक्षता करते हुए अध्यक्ष बिंदु गुलाब यादव ने यह बात कही। कहा जिला परिषद अपने कार्यो के माध्यम से जिले में एक नया आयाम स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। जिसमें अधिकारियों, सदस्यों के साथ ही आमलोगों की सहभागिता और समन्वय अपेक्षित है। 

इस दिशा में काफी काम भी हुए हैं। बैठक में आठ एजेंडा पर विमर्श किया गया। गत बैठक की संपुष्टि और उसके अनुपालन के दौरान सदस्यों ने अधिकारियों की उदासीनता का मामला उठाया। बैठक से विभागीय पदाधिकारियों की अनुपस्थिति पर यह निर्णय लिया गया कि शोकॉज के बाद डीएम को जानकारी दिया जायेगा और लापरवाही पर विभाग को कार्रवाई की अनुशंसा भेजी जायेगी। इस दौरान सदस्यों द्वारा उठाये गये सवालों का जबाव विभिन्न विभाग से आए अधिकारियों ने दिया। सभी एजेंडा को अपर समाहर्ता सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी नरेश झा ने सदन के पटल पर रखा। विधान पार्षद घनश्याम ठाकुर द्वारा कलुआही प्रखंड में पूर्व पदाधिकारी द्वारा चार्ज नहीं दिये जाने, संसारि पोखर व अन्य सड़कों को अधूरा छोड़ जाने, नवकरही सहित अन्य स्थानों पर पशु चिकित्सालय की जर्जरता को सदन में रखा गया। 

बैठक में विमर्श और बहस के बाद कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। जिसमें जिला परिषद की विभिन्न समितियों में जो निर्णय लिये गये हैं, उसका अनुमोदन भी शामिल है। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए योजना निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गयी। वहीं जिला परिषद की आय बढ़ाने के लिए जिला परिषद की खाली पड़ी भूमि पर ग्रांट मद से पीपी मोड पर व्यावसायिक उपयोग वाले कंस्ट्रक्शन के निर्माण का निर्णय लिया गया। इसदौरान शिक्षा विभाग में अधिकारियों की उदासीनता का मामला गरमाया रहा। कहा अधिकारी की कमी है और जो हैं भी उनके द्वारा सही तरीके से काम नहीं किया जा रहा है। स्कूलों को कम अनाज देने का मामला खूब गरमाया। सदस्यों ने कहा कई बार इसकी शिकायत हो चुकी है, फिर भी इसे संज्ञान में नहीं लिया जा रहा है। कृषि विभाग की उदासीनता के कारण जिले में किसानों को खाद व बीज नहीं मिलने पर रोष जताया गया। स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा के दौरान सदस्यों ने अपने एरिया में चिकित्सकों की अनुपस्थिति के साथ ही दवा की अनुपलब्धता का मामला उठाया। इसदौरान मनरेगा योजना के क्रियान्वयन पर हुए विलंब पर सदस्यों ने नाराजगी जताया। हालांकि मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि तकनीकी समस्याएं दूर हो गयी हैं और शीघ्र ही इसका क्रियान्वयन होगा। 

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बैठक में कर्मियों की कमी दूर करने के लिए नये सिरे से नियुक्ति के लिए विभाग से जानकारी व अनुमोदन लेने का निर्णय लिया गया। वहीं सदस्यों की मांग पर जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया गया।  

बैठक में सदस्यों ने लिया हिस्सा

बैठक में हुई चर्चा में लगभग सदस्यों ने हिस्सा लिया। इसदौरान सदस्य प्रियंका चौधरी, मनीष कुमार, ज्योति देवी, ललिता देवी, झमेली राम, रणधीर खन्ना, रेणु कुमारी, जितेन्द्र भारती, दीपक कुमार सिंह, उमर अंसारी, आरती कुमारी, राही कुमारी, सईदा बानो, संजय कुमार राम, मो. फैयाज, विपिन कुमार यादव, योगेन्द्र यादव, वीणा देवी, नीलम देवी, विनोद कुमार साह, बबीता देवी, रेजाउद्दीन, आशा देवी व अन्य ने विभिन्न मसले को उठाया। इसदौरान 56 जिला पार्षद व 21 प्रखंड प्रमुखों ने अपने क्षेत्र की समस्याओं को भी एजेंडा के अलावे रखा।


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