बेनीपट्टी(मधुबनी)। सुहागिनों ने वट सावित्री की पूजा धूमधाम से मनाई। विवाहित महिलाओं ने बड़े ही उत्साह से पति के लंबी आयु के लिए बरगद के पेड़ के नीचे पूजा की। महिलाओं ने गुड़, भीगे हुए चने, आटे से बनी हुई मिठाई, कुमकुम, रोली, मोली, पांच प्रकार के फल, पान का पता, धुप, घी का दीया लेकर बरगद के पेड़ के नीचे पूजा किया। इस दौरान जल प्रदान किया गया। वहीं पूजा कर रही महिलाओं ने बरगद के पेड़ को पंखा से हवा दिया। पूजा के उपरांत महिलाओं ने पति के लंबी उम्र के साथ स्वास्थ्य की कामना करते हुए कच्चे धागे से सात बार पेड़ को बांधा। वट सावित्री की पूजा को लेकर किवंदती है नवविवाहिता सावित्री के पति सत्यवान का प्राण लेकर यमराज वापस यमलोक जा रहे थे। सावित्री अपने धर्म व पतिव्रता के बल पर यमराज से सत्यवान का प्राण वापस ले आया। तब से विवाहित महिलाएं वट सावित्री की पूजा सोलह श्रृंगार कर उत्साहपूर्वक करती आयी है। बेनीपट्टी के कई गांवों में व्रतियों ने गांव के ही वट वृक्ष के समीप पहुंच कच्चा सूत बांध पति के लंबी आयु और स्वस्थ्य रहने की कामना की। प्रखंड के उच्चैठ, बेनीपट्टी, बेहटा, पाली, जरैल, दामोदरपुर, अड़ेर, धनौजा, बेतौना, जगत, शिवनगर, बनकट्टा, उड़ेन, मनपौर, गम्हरिया, बिरौली, सरिसब, दुर्गौली, बरांटपुर, नवकरही सहित अधिकांश गांवों में जेठ की भीषण गर्मी तथा चिलचिलाती धूप के बीच नंगे पैर पूजा की डाली लिये सुहागिन मंदिर और बरगद के पेड़ों तक पहुंच पूजा अर्चना की।