बेनीपट्टी(मधुबनी)। जनप्रतिनिधियों के नाकामी के कारण मलहामोर से बनकट्टा को जोड़ने वाली ग्रामीण पथ इन दिनों तालाब के रुप में तब्दील हो चुका है। पथ पर जमे गंदा पानी में लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे है। गत दो दिन पूर्व हुए बेमौसम बरसात के कारण उक्त पथ पर पानी जमा हुआ है। वहीं पथ की असमानता के कारण बाहरी लोग अक्सर गिर रहे है। वहीं पानी में गंदगी जमा होने से स्थानीय लोगों का ठहर पाना मुश्किल हो रहा है। खास तौर पर कछड़ा के मुहल्लें की स्थिति अत्यंत नारकीय बनी हुई है। गौरतलब है कि मलहामोर से बनकट्टा को जोड़ने वाली मुख्य ग्रामीण कई पहलुओं से महत्वपूर्ण बनी हुई है। प्रखंड के पश्चिमी इलाकों के लोग तीन किमी दूर घुम कर उच्चैठ जाने के बजाए इसी पथ का उपयोग कर उच्चैठ की आवाजाही करते है। खासकर रविवार को इस पथ से सैंकड़ों लोग उच्चैठ स्थित भगवती का दर्शन के लिए जाते है। ऐसे में पथ की नारकीय स्थिति बन जाने से हजारों लोग प्रभावित हो रहे है। जानकारी दें कि उक्त पथ बेनीपट्टी व हरलाखी विधानसभा के अधीन है। उक्त पथ के निर्माण का जिम्मा दो-दो विधायक के होने के बाद भी पथ की सूरत अब तक नहीं बदल सकी है। जबकि उक्त पथ के चारों ओर पीसीसी सड़क का निर्माण कराया जा चुका है। स्थानीय लोगों की माने तो उक्त मुहल्ला सिर्फ वोट बैंक बनकर रह गया है। पथ निर्माण का वादा कर कई जनप्रतिनिधि निर्वाचित हो गए, लेकिन निर्वाचित होने के बाद पथ निर्माण तो दूर पथ को मोटरेबूल तक कराने की जहमत नहीं दिखा पाए है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस पथ का निर्माण परसिमन से पूर्व ही पूर्व विधायक युगेश्वर झा ने कराया था। उक्त निर्माण के बाद अब तक किसी भी प्रतिनिधि के द्वारा निर्माण की पहल तक नहीं की गई है। जिसका खामियाजा अब तक लोग उठा रहे है।
     दो पंचायत व दो विधानसभा के बाद भी पथ का निर्माण नहीं
बनकट्टा से मलहामोर को जोड़ने वाली मुख्य ग्रामीण पथ दो विधानसभा ही नहीं, बल्कि, दो पंचायत के अन्तगर्त भी है। उक्त पथ का कुछ हिस्सा जहां बनकट्टा पंचायत का है। वहीं कुछ भाग बेतौना पंचायत का भी है। पथ के जर्जरता व नारकीय स्थिति होने के कारण करीब पांच हजार से अधिक की आबादी प्रभावित हो रही है। वहीं इस पथ के किनारे करीब तीन सरकारी स्कूल का संचालन कराया जा रहा है। वहीं एक मदरसा का भी संचालन हो रहा है। परंतु लोगों की माने तो सड़क पर बारिश के मौसम में गंदा पानी का जमावड़ा होने के कारण छात्र स्कूल नहीं जा पाते है। जानकारी दें कि सड़क के किनारे सूखे हुए भागों पर बांस-बल्ला रख देने से पांव-पैदल भी चलना लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। वहीं पथ पर उखड़ रहे रोड़ा-पत्थर के कारण आए दिन लोग फिसल कर हाथ-पैर तुड़वा रहे है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस पथ के निर्माण के लिए अब तक कई जनप्रतिनिधि व अधिकारियों के आगे गुहार लगाई जा चुकी है। स्थानीय लोगों की माने तो जनप्रतिनिधि वोट लेने के बाद हमेशा टालमटोल करते है। वहीं कुछ लोगों ने जनप्रतिनिधियों पर विकास नहीं करने का आरोप लगाया है।
        घरों का गंदा पानी सड़क पर आने से महामारी की आशंका
करीब ढाई किमी में फैले बनकट्टा-मलहामोर पथ पर बारिश के साथ अन्य दिनों में भी घरों का गंदा पानी बहाया जाता है। वहीं सड़कों के किनारे शौच की प्रवृति होने के कारण सड़क पर जलजमाव होते ही महामारी की आशंका तेज हो जाती है। वहीं पंचायत के मद में निर्माण कराए गए नाला से सही ढंग से पानी की निकासी नहीं होने से नाला से भी गंदा पानी सड़कों पर बहने लगता है। जिससे स्थिति ओर भयानक हो जाती है। मुहल्लें के दुर्गेश कुमार, मो. सादिक हुसैन, मो. आरिफ, मो. बारी, मो. अजमल, गणेश कुमार महतो सहित कई लोगों ने बताया कि बारिश के मौसम में पथ के कारण घर से बाहर निकलने में भारी परेशानी होती है। सड़क के निर्माण के लिए जनप्रतिनिधि सिर्फ कोरा आश्वासन हीं देते है। ग्रामीणों ने बताया कि जल्द ही सड़क का निर्माण कार्य नहीं कराया गया तो जल्द ही ग्रामीण सड़कों पर उतर कर आन्दोलन करने के लिए मजबूर होंगे।


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