बाढ़ के प्रकोप से बेहाल बिहार में डूबने से होने वाली मौतों का आंकड़ा आज मंगलवार को जहां 50 के करीब पहुंच गया, वहीं लगभग 50 लाख की आबादी जहां-तहां और जैसे-तैसे जीवन बसर करने को मजबूर है. हालांकि सरकारी आंकड़ा महज 24 मौतों की ही पुष्टि कर रहा है. बिहार के 12 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. इनमें मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, मोतिहारी, शिवहर, अररिया, सुपौल, किशनगंज आदि जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.



इधर सोमवार की रात बेनीपट्टी क्षेत्र में बाढ़ ने तेजी के साथ दस्तक दी है. पिछले कई दिनों से बेनीपट्टी क्षेत्र जिले के बांकी बाढ़ प्रभावित प्रखंड क्षेत्र की अपेक्षा में आंशिक प्रभावित नजर आ रही थी हालांकि चानपुरा व आस पास के कई गांव चारों तरफ से पहले ही जलमग्न हो चुके थे लेकिन बीती रात अचानक जलस्तर में वृद्धि होने लगी. जिसके कारण अब कई गांव पूरी तरह बाढ़ की चपेट में है. 



ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पर जहां-जहां बांध टूट चुकी है उन जगहों में बेनीपट्टी के अगरोपट्टी में महराजी बांध सह गांव जाने वाली सड़क में एसएच-52 से काली स्थान के मध्य, शिवनगर में अधवारा समूह महराजी बांध बंसदेवा आइटीआई कॉलेज के पीछे, नजरा में दो जगह जिसमें यादव टोला व असलम चौक से जाने वाली रास्ते पर बीती रात 10 बजे से 11 बजे के करीब में टुटा है. वहीं रानीपुर में सुबह 6 बजे के करीब और गंगुली में सुबह 10 बजे के करीब में बांध टूट गई. 



इधर समाजसेवी विनोद शंकर झा लड्डू, जिला पार्षद खुशबु कुमारी, रौशन कुमार मिश्र, समीर झा आज़ाद, आनंद कुमार झा, आशुतोष कुमार प्रिंस, रंजित कुमार यादव, कैलाश लाल कर्ण, संजीव कुमार, मनोज, कैलाश मंडल, मुकेश कुमार, संतोष कुमार, रमेश, अमित, राघव सहित कई लोगों ने एक व्हाट्स एप्प ग्रुप बनाया है जिसमें बाढ़ प्रभावित गांवों से ग्राउंड पर काम कर रहे लोगों सहित बेनीपट्टी के सबही प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और आपदा प्रधान सचिव को भी शामिल किया गया है. ग्रुप में तटबंधों की सुरक्षा व बाढ़ पीड़ितों तक राहत पहुंचाने के लिए पल-पल की जानकारी दी जा रही है.  



वहीं बाढ़ की भयावहता के बीच विशनपुर पंचायत के बगवासा गांव से एक अच्छी खबर मिली जहां स्थानीय युवाओं के समूह ने बीती रात बिना किसी प्रशासनिक मदद मिले करीब 300 की संख्या में जुटकर खिरोई नदी के बांध को मिट्टी के बोरों की मदद से बांधा जिसके बाद खबर लिखे जाने तक बांध सुरक्षित बताया जा रहा है. 



लेकिन इन सब के वाबजूद प्रशासन के अलावे स्थानीय जनप्रतिनिधियों का क्षेत्र में नहीं होना लोगों को खल रहा है. बेनीपट्टी की कांग्रेस विधायक भावना झा क्षेत्र में नहीं है. ना ही बेनीपट्टी के पूर्व बीजेपी विधायक व मंत्री विनोद नारायण झा बेनीपट्टी की सुधि लेते हुए नजर आ रहे हैं. 



विनोद नारायण झा की ताज़ी तस्वीर सुलतानगंज में श्रावणी मेला के  उदघाटन करते हुए सामने आई है जो कि आज मंगलवार की बताई जा रही है. वहीं विधायक भावना झा भी बेनीपट्टी से दूर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं. आज अहले सुबह विधायक भावना झा अपने फेसबुक पर शकील अहमद के साथ अपनी तस्वीरें साझा करते हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ शकील अहमद को गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं देती हुई नजर आई हैं. 



वहीं गुरु पूर्णिमा के फेसबुक पोस्ट के कुछ घंटे पहले वह पटना में आनंद कुमार सुपर -30 के साथ की गई फोटो सेशन की कई तस्वीरें भी फेसबुक पर पोस्ट की हैं. 



लेकिन बाढ़ विभीषिका के बीच अपने क्षेत्र से दूर रहने के वाबजूद भी दोनों जनप्रतिनिधि विधायक भावना झा और पूर्व विधायक व एमएलसी, मंत्री विनोद नारायण की संवेदना सोशल मीडिया पर भी देखने के लिए नहीं मिली है. इस सबके परे बाढ़ प्रभावित गांवो में लोग अब भी जनप्रतिनिधियों से आश लगाये हुए हैं. फोन कॉल्स और सोशल मीडिया पर वीडियो जारी करके विधायक व प्रशासन से लगातार मदद की गुहार लगा रहे हैं. लेकिन बाढ़ पीड़ितों के उम्मीदों के बीच फिलहाल तक जनप्रतिनिधियों स्थिति संतोषजनक नहीं दिख रही है वहीं जनप्रतिनिधियों के अपेक्षा बेनीपट्टी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन का काम सराहनीय है.





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