मधुबनी। बाल कल्याण समिति ने विगत ढाई वर्षों के कार्यकाल में बाल गृह में कई वर्षों से आवासित दर्जनों बालक को उनके घर का पता लगाकर परिवार वालों को सौंप दिया।दो अनाथ बालक जिनके घर का पता नहीं चल सका उसे होटल मैनेजमेंट डिप्लोमा कोर्स के लिए बैंगलोर भेजा गया।एक अनाथ बालक आलोक कुमार कोर्स पूरा कर बीस हजार के पगार पर नौकरी कर रहा है।दो बालक को पारिवारिक माहौल और अच्छे स्कूलों में पढ़ाई लिखाई के लिए चिल्ड्रेन भिलेज बेगूसराय भेजा गया है।  

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बाल कल्याण समिति अध्यक्ष बिन्दु भूषण ठाकुर जब 2020 में कार्यभार संभाला उसके बाद से ही बाल हित मे कई अहम फैसले लिए। बाल गृह में उस समय दस बालक वर्षो से पड़ा हुआ था । कोविड समय मे एक साथ मधुबनी स्टेशन पर तीस बालक का रेस्क्यू किया गया । जिले के दर्जन भर बच्चे जयपुर से ट्रेन से पहुंचे जिन्हें रेस्क्यू किया गया।बाल कल्याण समिति ने रेस्क्यू किये गए सभी बालको के उनके घर का पता लगाकर उनके परिवार में आवासित कराया। 

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समिति के प्रयास से बाल गृह में 2019 से आवासित मूक बधिर बालक दिलकश और सुमित के परिवार को खोजा गया और तीन वर्षों बाद परिवार वालों को उनके बालक को सौंपा गया। वर्षों पूर्व अपने खोए लाडले को पाकर परिवार वाले काफी खुश नजर आए। विशेष बालक मो इम्तियाज 2018 से बाल गृह में रह रहा था जो छत्तीसगढ़ से भटककर आ गया था ।इम्तियाज के परिवार को खोजकर चार वर्षों बाद सुपुर्द किया गया।ये सभी बालक अपना नाम पता बताने में अक्षम था और ऐसे बच्चों के परिवार को खोजना काफी मुश्किल कार्य था लेकिन समिति के प्रयास से सारी मुश्किलों को दूर कर बालकों को उनके मंजिल तक पहुंचाया गया।आज बाल गृह में दो माह से आवासित बालक को उनके पिता को सुपुर्द कर दिया गया।इस तरह से चाइल्ड वेल फेयर के प्रयास से बाल गृह पूरी तरह से  खाली हो गया है। बाल हित में बाल कल्याण समिति मधुबनी के अध्यक्ष बिन्दु भूषण ठाकुर सदस्य मंटू कुमार आलिया खुर्शीद रामभूषण पांडेय केस वर्कर सुरेंद्र सिन्हा सहित कई कर्मियों का प्रयास सराहनीय रहा है। इन अधिकारियों की वजह से वर्षो से भटके दर्जनों बालक को परिवार में पुनर्वासित कराया गया और बाल गृह में बच्चों की संख्यां शून्य हो गया।


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