मधुबनी। सदर अस्पताल के नेत्र विभाग में आपरेशन करवाने व ओपीडी में आने वाले मरीजों संख्या बढी है। प्रतिदिन जहां 60-65 मरीज पहुंच रहे हैं वहीं सप्ताह में मोतियाबिंद के आपरेशन की संख्या 18-19 तक पहुंच जा रही है। वर्ष 2022 में रिकार्ड मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया है। जनवरी से लेकर अबतक 449 मोतियाबिंद का निशुल्क आपरेशन किया गया है। 

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वहीं अगर मोतियाबिंद के आपरेशन के लिए दिसंबर माह में अप्लाई करने वाले मरीजों की संख्या जोड दिया जाय तो यह संख्या 455 के पार चली जाएगी। शुक्रवार को एक दिन में सर्वाधिक 13 मरीजों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन डा. आकांक्षा नेकिया । इस साल सदर अस्पताल की वरीय नेत्र सर्जन डा. आकांक्षा कुमारी ने  240, डा. आशिक रेजा ने 164 व 45 अन्य ने किया है। आपरेशन के बाद मरीजों को निशुल्क चश्मे भी दिए जाते हैं। मालूम हो कि सदर अस्पताल में मोतियाबिंद के अलावा भी कुछ आंखों से संबंधित आपरेशन का कार्य किया जाता है जबकि फेको आपरेशन की शुरूआत के लिए भी पूर्व सिविल सर्जन डा. सुनील कुमार झा ने पहल किया था।

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नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. आकांक्षा कुमारी ने बताया कि अगर आपको दूर या पास का कम दिखाई दे, गाड़ी ड्राइव करने में समस्या हो या आप दूसरे व्यक्ति के चेहरे के भावों को न पढ़ पाएं तो समझिए की आप की आंखों में मोतियाबिंद विकसित हो रहा है।  एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल देश में मोतियाबिंद के 20 लाख नए मामले सामने आते हैं। हमारे देश में 62.6 प्रतिशत नेत्रहीनता का कारण मोतियाबिंद है। लेकिन अत्याधुनिक तकनीकों ने मोतियाबिंद के ऑपरेशन को बहुत आसान और प्रभावी बना दिया है। 

एसीएमओ डा. आरके सिंह ने बताया कि सदर अस्पताल में नेत्र रोगियों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही हैं। हमारे पास विशेषज्ञ चिकित्सकों व पारामेडिकल कर्मियों की टीम है। अनुमंडलीय अस्पतालों में भी नेत्र रोगियों के लिए   व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है।


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