बेनीपट्टी(मधुबनी)। प्रखंड क्षेत्र में राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत मवेशियों के ईयर टैगिंग का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य में विभाग के पदाधिकारी और दर्जनों कर्मी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये जोर शोर से लगे हुए है। कार्यक्रम के तहत प्रथम चरण में भैस, गाय, बकरी और बैल का ईयर टैगिंग का कार्य किया जा रहा है। यह कार्य प्रखंड के सभी पंचायतों में बारी बारी से किया जा रहा है। इस संबंध में विशेष जानकारी देते हुए बेनीपट्टी के भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी डा. सुमन कुमार ने बताया कि भारत सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में बारी बारी से मवेशियों का ईयर टैगिंग का कार्य किया जा रहा है। साथ ही टैगिंग के साथ साथ भारत सरकार के विभागीय पोर्टल पर पंजीकरण भी किया जा रहा है। बेनीपट्टी में एक लाख ईयर टैगिंग का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें अब तक 60 हजार मवेशियों का टैगिंग कर लिया गया है। साथ ही तेजी से बांकी मवेशियों के टैगिंग का कार्य किया जा रहा है। जल्द लक्ष्य को पूर्ण कर लिया जाएगा। इसमें दर्जनों कर्मी गंभीरता के साथ लगे हुए है। टीभीओ ने बताया कि ईयर टैगिंग एक तरह से मवेशियों का आधार कार्ड है। टैगिंग के दौरान मवेशियों के कान में बारह अंकों वाला एक टैक लगा दिया जाता है। जिसमें पशुपालक के संबंध में पूर्ण जानकारी रहतीं है। उक्त कार्यक्रम भारत सरकार निःशुल्क चला रही है। डा. कुमार ने बताया कि ईयर टैगिंग का काफी लाभ मवेशी पालकों को होगा। आपदा के दौरान पशुओं की मृत्यु के बाद टैक के जरिये मवेशी पालकों की पहचान आसानी से हो सकेगी। साथ ही पहचान के बाद आपदा विभाग से मिलने वाली राहत सहज ही मिल सकेगा। इधर, प्रखंड में चल रहे ईयर टैग अभियान का जिला पशुपालन पदाधिकारी ने भी जायजा लिया। साथ ही पदाधिकारियों और कर्मियों को कई आवश्यक दिशा निर्देश दिये। टीभीओ के नेतृत्व में टीकाकर्मी रंजीत कुमार पंडित, श्रवण कुमार यादव, अरूण कुमार यादव, उदय चंद्र यादव, संतोष पासवान, सूर्यमोहन पासवान, देवनारायण ठाकुर, सिकंदर यादव सहित एक दर्जन से अधिक कर्मी लगे हुए है।
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