बेनीपट्टी(मधुबनी)। मधवापुर में हुई शिक्षकों की फर्जी बहाली मामले में विभागीय अधिकारियों ने कई स्तर पर चूक की है। इस चूक के कारण शिक्षा माफियाओं ने मनमाफिक नजराना लेकर बहाली कर दी। शिक्षकों की अवैध बहाली होने के बाद शिक्षा माफियाओं के दवाब में ही वेतन भुगतान कराए जाने की जानकारी सूत्रों ने दी है। बताया जा रहा है कि शिक्षा माफियाओं के द्वारा लाखों-करोड़ों की राशि लेकर अधिकारी के मिलीभगत से बहाली की गयी। बहाली होने के उपरांत वेतन भुगतान के लिए अवैध शिक्षकों ने दवाब दिया तो उनलोगों को वेतन भुगतान भी कराया गया। मिली जानकारी के अनुसार मधवापुर के फर्जी शिक्षकों को करीब सात माह का भुगतान कराया गया है। उधर, फर्जी शिक्षकों की बहाली में सफेदपोशों की भी खुब चांदी कटी है। जिसकी चर्चा भी अब आम हो रही है। सूत्रों ने बताया कि फर्जी शिक्षक बहाली में जिसने भी विरोध किया, उसे भी चुप कराने के लिए शिक्षक बहाली में संलिप्त किया गया हैेेे सूत्रों ने बताया कि पूरे खेल में करीब करोड़ों की काली कमाई की गयी है। जिसके बलबूते बहाली से लेकर वेतन भुगतान भी कराया गया है। उधर, मधवापुर में हुए फर्जी बहाली की खबर प्रकाशित होने के बाद जहां अवैध शिक्षकों में हड़कंप मच गया है, वहीं वैध शिक्षकों में खुशी की लहर देखी जा रही है। हालांकि, कुछ शिक्षकों ने पूरे मामले की जल्द जांच कराने की मांग की है। शिक्षकों ने बताया कि फर्जी शिक्षकों पर काररवाई होगी, तब वे लोग मानसिक दवाब से आजाद होंगे। कई शिक्षकों ने नाम नहीं बताने के शर्त पर बताया कि वेतन भुगतान कराने के दवाब में कई वाजिब शिक्षकों का वेतन अकारण बंद कर दिया जाता था। वहीं आन्दोलनकारियों ने बताया कि मधवापुर के फर्जी बहाली पर काररवाई को लेकर कई बार वरीय अधिकारियों को आवेदन दिए गए, लेकिन काररवाई नहीं हो रही थी। जिलाधिकारी के द्वारा गठित जांच टीम पर भरोसा जताते हुए कहा कि अब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। वहीं शिक्षाविद्ो ने फर्जी बहाली पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के कुसंस्कृति से शिक्षा का स्तर बर्बाद हो जाएगा।
      डीपीओ स्थापना ने कहा, चूक तो हुई है, लेकिन बीईओ जिम्मेदार
मधवापुर में फर्जी शिक्षकों के वेतन भुगतान में विभागीय चूक को मानते हुए स्थापना डीपीओ राजेश सिन्हा ने बताया कि वेतन एडवाईस बीईओ के द्वारा प्रमाणित होती है। जिस में किसी भी प्रकार की लापरवाही की जिम्मेदारी बीईओ की होती है। डीपीओ सिन्हा ने बताया कि एडवाईस में एक ही नंबर को रख कर कई शिक्षकों का नाम शामिल कर लिया गया था। वहीं डीपीओ ने बताया कि मधवापुर बीईओ को डाक के द्वारा स्मार पत्र भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि विभाग जल्द ही बीईओ पर प्रपत्र (क) गठित करने जा रही है। डीपीओ ने बताया कि इस मामले में जो भी दोषी हांगे, उस पर काररवाई तय है।


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