बेनीपट्टी(मधुबनी)। महात्मा बुद्ध ने पूरे विश्व को शांति का पैगाम दिया था। उनके बताए रास्ते पर चलकर ही देश व समाज में शांति व्यवस्था कायम की जा सकती है। महात्मा बुद्ध ने अंधविश्वास व पाखंडवाद का जमकर विरोध किया था। उन्होनें हमेशा समाज की एकजुटता पर बल देने का काम किया था। महात्मा बुद्ध की 2562 वें जन्मदिवस के अवसर पर मुख्यालय के रेश्मा-निर्धन भवन में अंबेडकर-कर्पूरी सामाजिक संस्थान की ओर से आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए सेवानिवृत कर्मचारी राजेन्द्र साफी ने कहा। श्री साफी ने आम लोगों से भी महात्मा बुद्ध के बताए गए रास्तों पर हमेशा चलने का आह्वान करते हुए कहा कि बुद्ध के बताए मार्ग से ही बेहतर समाज का निर्माण संभव है। संगोष्ठी का संचालन प्रहलाद पासवान ने किया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए संस्थान के संस्थापक रामवरण राम ने कहा कि महात्मा बुद्ध के विचार पर चलने के कारण आज कई देश प्रगतिशील श्रेणी में है। उन्होंने कहा कि महात्मा बुद्ध ने कर्म कांड, आत्मा, ईश्वर, स्वर्ग-नरक व हिन्दू शास्त्रों को नकारने का मार्ग बौद्ध धम्म, जो विज्ञान सम्मति है। वहीं पवन कुमार व पवन भारती ने कहा कि बुद्ध के सदधर्म में प्रज्ञा, शील, मैत्री और करुणा का मार्ग है। जो बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय के नैतिक मानवीयों से ओत-प्रोत है। राजद के नेता विजय कुमार यादव ने कहा कि संसार में दुख ही दुख का कारण है। इसका निवारण सिर्फ बुद्ध मार्ग ही है। त्रिशरण व पंचशील मान ले तो कभी भी दुख नहीं होगा। संगोष्ठी को निर्मल राम, शत्रुध्न राम, भोला सदा, गणेश मिश्र, रामलखन राम समेत कई लोगों ने बुद्ध के व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा की। इससे पूर्व संगोष्ठी में उपस्थित सभी प्रबुद्धजनों ने महात्मा बुद्ध के तैल चित्र पर माल्यापर्ण कर नमन किया।


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