बेनीपट्टी (मधुबनी)। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर सुबह से ही विभिन्न शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं का जत्था सुबह से ही शिवलिंग पर जलापर्ण कर मन्नतें मांग रहे थे। बेनीपट्टी प्रखंड के ब्रह्मपुरा स्थित हरिहरस्थान, बेनीपट्टी मुख्यालय का बाबा विश्वभंरनाथ महादेव, महाभारत कालीन गाण्डीवेश्वरनाथ महादेव मंदिर एवं बाबा बाणेश्वरनाथ महादेव मंदिर में सुबह से श्रद्धालु जलापर्ण कर तरह-तरह के झांकी निकाली। बाणेश्वरनाथ मंदिर में आकर्षक शिव-बारात निकाली गयी। आगे-आगे शिव का भेष बनाए युवा गले में सर्प लटका कर चल रहा था। पूरे गांव का भ्रमण कर पुनः मंदिर परिसर में शिव की बारात रुकी। उधर गाण्डीवेश्वर नाथ महादेव मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गयी। हरिहरस्थान में महाशिवरात्रि के पूजा को लेकर समाजसेवी पंडित कामदेव झा की ओर से विशेष तैयारी की गयी थी। मेला आयोजन को लेकर पूरे मंदिर परिसर में पंडाल लगाया गया था। गौरतलब है कि महाशिवरात्रि हिन्दुओं का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। माना जाता है कि सृष्टि का प्रारंभ इसी दिन से हुआ। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन सृष्टि का प्रारंभ अग्निलिंग ( महादेव का विशालकाय स्वरुप) के उदय से हुआ।वहीं अधिकतर लोग इस दिन भगवान शिव का विवाह देवी पार्वती से होने की भी बात कहते है। जानकारी दें कि साल में होने वाला 12 शिवरात्रि में से महाशिवरात्रि की सबसे महत्व माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार महाशिवरात्रि में ही भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान निकली कालकूट नामक विष को अपने कंठ में रख लिया था।


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