बेनीपट्टी (मधुबनी)। सुदूर ग्रामीण इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लाख दावें स्वास्थ्य विभाग कर लें, मगर बेनीपट्टी में विभाग का दावा कागजी साबित हो रही है। पीएचसी में प्रतिनियुक्त चिकित्सक के लिए सरकारी क्वार्टर तो दूर पीएचसी की घेराबंदी तक नहीं कराई गयी। जिससे चिकित्सक व रोगी असुरक्षा के भावना के नीचे रहते है। चहारदिवारी नहीं होने के कारण पीएचसी में हर समय आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। जो सुरक्षा के दृष्टिकोण से सही नहीं माना जाता है। खासकर परिसर में हरसमय आवारा कुत्ता को देखा जाता है। इसी मुहाने के अंतिम छोर पर जज्चा-बच्चा केन्द्र वार्ड संचालित है। जहां नाईट गार्ड के नहीं प्रतिनियुक्ति से परिजन सहमें रहते है। पीएचसी के चहारदिवारी के लिए लाख प्रयास के बाद पूर्व एसडीएम मिथिलेश मिश्रा ने पीएचसी का सीमाकंन कराया तो वहीं करीब एक वर्ष पूर्व अतिक्रमित भूमि को सीओ ने खाली करा दिया। बावजूद अस्पताल प्रबंधन अब तक पीएचसी के शेष भागों में चहारदिवारी का निर्माण नहीं करा पाया। उधर पीएचसी में चिकित्सकों की घोर कमी वर्षों से बनी हुई है। आयुष चिकित्सकों से ओपीडी का काम लिया जाता है। वहीं ड्रेसर की कमी के कारण जख्मी के आने पर पीएचसी परिसर में आपाधापी शुरु हो जाती है। जबकि अनुमंडल के पीएचसी में कम से कम दो ड्रेसर एवं दो फार्मासिस्ट की प्रतिनियुक्ति की जानी है।
            महिला चिकित्सक की कमी से परेशान मरीज
स्वास्थ्य विभाग के लापरवाही एवं उदासीनता के कारण करीब दो वर्ष से अधिक समय से बेनीपट्टी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में महिला चिकित्सक का पद रिक्त है। रोगी कल्याण समिति एवं अन्य संगठनों के द्वारा कई बार महिला चिकित्सक के प्रतिनियुक्ति की मांग पर अब तक यथोचित कार्रवाई नहीं किये जाने के कारण महिला रोगियों की परेशानी दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है। सर्दी के मौसम में खासकर ऑपरेशन अथवा जच्चा-बच्चा वार्ड में महिला चिकित्सक की कमी खास तौर पर देखी जा रही है। विभागीय सूत्रों की माने तो एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं के बल पर प्रसूति वार्ड का संचालन किया जा रहा है। जहां अवैध उगाही के बल पर जच्चा-बच्चा का कार्य कराया जाता है।
             दंत चिकित्सक के प्रतिनियुक्ति, संसाधन नहीं
स्वास्थ्य विभाग के कारनामों से दंत मरीज अलग ही परेशान है। बेनीपट्टी के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में विभाग ने दंत चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति तो कर दी, परंतु दंत मरीजों के सुविधा के लिए न तो संसाधन मुहैया करा पायी है ओर न ही कोई विशेष व्यवस्था। यहां तक ही दांत की मामूली सफाई के लिए भी मरीजों को निजी दंत क्लीनिक के शरण में जाना पड़ता है। जिससे साफ कहा जा सकता है कि विभाग दंत मरीजों के प्रति कितना गंभीर है। सूत्रों की माने तो दंत चिकित्सक भी संसाधन के अभाव के कारण  कुछ समय के लिए ओपीडी में हाजिरी बना कर चले जाते है।
    स्वास्थ्य उपकेन्द्र पर शायद ही मिलते है प्रतिनियुक्त एएनएम
बेनीपट्टी के 33 पंचायत में स्वास्थ्य सुविधा सुगमता पूर्वक प्रदान किये जाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से बेनीपट्टी में करीब चार अतरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व करीब दो दर्जन से अधिक स्वास्थ्य उपकेन्द्र खोले गये। यहां प्रतिनियुक्त कर्मी दिन-भर परिसर में बैठकर उपस्थिति होने की खानापूर्ति करते दिख जाते है। वहीं स्वास्थ्य उपकेन्द्र तो शायद ही कहीं खुले मिल जाते है। सूत्रों की माने तो अधिकांश एएनएम पीएचसी में ही अड्डा जमाये रहती है।
                         कहते है चिकित्सा पदाधिकारी
इस संबंध में पूछे जाने पर प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डा. रविन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि विभाग से उपलब्ध सभी संसाधन से मरीजों का इलाज किया जाता है। राशि उपलब्ध होने पर अन्य निर्माण कार्य संभव हैं ।


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