बेनीपट्टी (मधुबनी)। प्रशासन की लापरवाही के कारण बाढ़ के तीन माह गुजर जाने के बाद भी किसानों को अब तक फसल क्षति का मुआवजा राशि नहीं दिया गया है। जबकि किसानों ने काफी मशक्कत के बाद फसल क्षति का आवेदन अंचल के विभिन्न पंचायतों में जमा किया हुआ था। उपरांत किसान सलाहकार एवं कृषि समनव्यक के समक्ष खेत में लगे बर्बाद फसल के सामने जाकर फोटो खिंचवाई थी। विभिन्न प्रकार के जांच होने के बाद किसानों को लगा कि दिवाली के समय फसल क्षति का मुआवजा मिले तो पर्व सुखमय तरीके से संपन्न करेंगे। लेकिन, अंचल प्रशासन के लापरवाही के कारण दिवाली तो दूर संभावना है कि नया वर्ष भी किसान बिना फसल क्षति के ही मनाने के लिए मजबूर होंगे। ज्ञात हो कि इस वर्ष-13 सितंबर को बेनीपट्टी प्रखंड में जलप्रलय हुआ था। जिसमें किसानों के खेतों में लगे धान की उच्च श्रेणी की फसल बर्बाद हो गयी। करीब पंद्रह दिनों के बाद खेत से पानी कम हुआ तो किसानों के चेहरे फक्क हो गये। खेत में लगे सभी धान की फसल चौपट हो गयी थी। वहीं पूर्वी व मध्य भाग के खेतों में अधिक वर्षापात होने के कारण धान की फसल गल गयी। बाढ़ की भयावहता को देख राज्य सरकार ने सभी जिलाधिकारी को राहत कार्य तेज करने एवं क्षति हुए फसलों का सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिये जाने का निर्देश दिया था। सरकार की ओर से सभी जिलों में राशि का आवंटन भी कर दिया गया। जानकारी के अनुसार जिला से बेनीपट्टी अंचल को करीब छह करोड़ की राशि फसल क्षति अनुदान के मद में आंवटित की गयी थी। परंतु राशि मिलने के बाद अचानक एक नयी जांच के नाम पर फसल क्षति के वितरण पर ब्रेक लगा दिया गया है। स्थिति इतनी खराब है कि हर दिन किसान प्रखंड सह अंचल कार्यालय का दौड़ लगा रहे है, शायद, अब अधिकारी फसल क्षति का भुगतान करें। इस संबंध में पूछे जाने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी डा. अभय कुमार ने बताया कि फिलहाल 17 पंचायतों के फसल क्षति का आरटीजीएस करने के लिए करीब दो करोड़ की राशि भेज दी गयी है। जल्द ही अन्य पंचायतों को भी राशि दी जाएगी। बीडीओ ने बताया कि इस वर्ष के अंतिम तक हर हाल में फसल क्षति का भुगतान करा दिया जाएगा।


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