बीजे बिकास, दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्विद्यालय में 34 साल पहले हुए छात्र आंदोलन के मामले में दर्ज मुकदमे में व्यवहार न्यायालय ने सोमवार को फैसला सुनाया. जिसमें सीपीआई के नेता सह  मुखिया महासंघ मधुबनी के जिलाध्यक्ष कृपानंद झा आज़ाद को सोमवार को बरी कर दिया गया.

वर्ष 1983 में मिथिला विश्वविद्यालय के रसायनशास्त्र पीजी के नामांकन में सीट बढ़ाने को लेकर वामपंथी छात्र संगठन के छात्र नेता बैद्यनाथ चौधरी एवं कृपानंद झा आज़ाद के नेतृत्व में हुए छात्र आंदोलन में छात्रों ने विश्विद्यालय में नारेबाजी और तालाबंदी कर दिया था. छात्रों व विश्वविद्यालय प्रबंधन में बढ़ता गतिरोध ने ऐसा रूप ले लिया था कि आन्दोलन को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गई थी. जिसमें दोनों नेताओं के अलावे तीन अन्य नामजद और अन्य दर्जनों को आरोपी बनाया गया था. दर्ज कराये गये मामले में 34 वर्षो के बाद छात्र नेता कृपानंद झा आजाद को एसजीएम चतुर्थ अमन कुमार ठाकुर की कोर्ट ने बाईज्जत रिहा कर दिया है. इस मामले में अन्य तीन आरोपी को वर्षों पूर्व रिहा किया जा चूका है. वहीं कोर्ट में कृपानंद झा आजाद के ऊपर ट्रायल चल रहा था. वहीं इसी मामले में अंतिम आरोपी बैद्यनाथ चौधरी बैजू का मामला विचाराधीन है, जिसमें निर्णय होना शेष है. कृपानंद झा आज़ाद ने न्यायालय के इस फैसले का स्वागत किया है.


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