पटना (बिहार) बिकाश झा : बिहार की राजनीति में फिर से उठापटक होते हुए विधानमंडल दल के नेता नीतीश कुमार चुन लिए गए है पूर्व में नीतिश कुमार के द्वारा ही बनाये गए दलित  मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी हटाए जायेंगे। मुख्यमंत्री पद के लिए लम्बी खिंच तान और सियासत गरमाने के बाद आज पुनः बिधायक दल के नेता नितीश कुमार चुने गए । जीतन राम मांझी की मुख्यमंत्री पद की कुर्सी जाने के घटनाक्रम में एक अजीब संयोग देखा गया नितीश कुमार के प्रस्तावक अरुण मांझी थे राजनीति पंडितो का मानन है की यह नितीश कुमार की राजनीति बिशात की कोई चाल है । अरुण मांझी जीतन राम मांझी के बेहद करीबी माने जाते हैं ।
अहम यह भी है, भीम सिंह, विनय बिहारी, नीतीश मिश्रा, महाचंद्र सिंह, सम्राट चैधरी वृषण पटेल नरेंद्र सिंह कैबिनेट की बैठक में मांझी के समर्थन में खड़े रहे। वहीं नीतीश के समर्थन में मनोज कुमार, लेसी सिंह, नौशाद आलम, श्रवण कुमार, रामधनी सिंह, श्याम रजक, विजय चैधरी, जयकुमार चैधरी, रमई राम, दुलार चंद्र गोस्वामी, शाहिद अली खान समेत 21 हैं।
विधानमंडल में 97 विधायक पहुंचे थे। कैबिनेट में से 21 मंत्री नीतीश कुमार के साथ हैं। इन्होंने राज्यपाल व राष्टपति को पत्र लिखकर कहा है कि अगर मांझी विधानसभा भंग करने की सिफारिश भेजते हैं तो यह पूर्णत असंवैधानिक व अवैधानिक होगा। यह सर्व सम्मत नहीं होगा। इसमें 19 मंत्रियों ने हस्ताक्षर किए हैं। इधर, शाम पांच बजे दिल्ली जाने की तैयारी करने वाले श्री मांझी अब सात बजे की हवाई जहाज से दिल्ली जाएंगे। इस बीच दो एजेंडे अहम हो गए हैं। पहला यह, क्या 21 मंत्रियों को मांझी बर्खास्त कर सकते हैं जो नीतीश के समर्थन में खड़े हैं या फिर राजभवन विधानमंडल भंग करने का प्रस्ताव मांझी राज्यपाल को भेज सकते हैं। नीतीश ने कहा की लो कुछ दिनों से परेशानी झेल रहे थे, आपस में चर्चा के बाद पार्टी ने जो तय किया आपके सामने है। कुछ दिनो से पार्टी समेत आम लोग परेशानी महसूस कर रहे थे जो हमारे लिए ठीक नही था।
उन्होंने कहा की, पार्टी के साथ साथियों का दबाव था। लोकसभा में लोगों ने हमें नकारा अब हम फिर से लोगों के पास जाएंगे भाजपा ने जिस गंदे खेल का नमूना दिखाया। हमारे आदमियों को विधान परिषद के चुनाव में तोडने की कोशिश की लेकिन हमें राजद का कांग्रेस और निर्दलीय सदस्यों का समर्थन मिला उसके लिए हम आभारी हैं। शरद यादव के खिलाफ तो कोई उम्मीदवार भी खडा नहीं किया गया लेकिन हमारी पार्टी को तोडने की कोशिश हुई उसका भी हमनें सामना किया अगर विधान परिषद का चुनाव हम नहीं जीतते तो ये सरकार नही चल सकती थी ।


आप भी अपने गांव की समस्या घटना से जुड़ी खबरें हमें 8677954500 पर भेज सकते हैं... BNN न्यूज़ के व्हाट्स एप्प ग्रुप Join करें - Click Here




Previous Post Next Post