बेनीपट्टी(मधुबनी)। आए दिन बेनीपट्टी-सीतामढ़ी पथ पर वाहन दुर्घटना होने के बाद भी स्टेट हाइवे-52 को मरम्मति नहीं की जा रही है। जबकि पथ दो जिलों के जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। पथ के अतिव्यस्तता के कारण व पथ के क्षतिग्रस्त होने के कारण कई दुर्घटनाएं हो चुकी है। वही पूरे पथ के मध्य जलनिकासी के लिए निर्मित पूल-पुलिया के दोनों भागों में पथ के असामान्य होने से रोजाना बाइक सवार को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पाली के सौली पुल, धौंस नदी पर निर्मित पुल, पाली चौक के समीप निर्मित पुल, नजरा पंचायत भवन के समीप पुल, रानीपुर गांव के सामने का पुल, शिवनगर चौक के समीप पुल व मकिया गांव के समीप पुल के दोनों भागों में सड़क व पुल का लेंथ असामान्य हो चुका है। अग्रोपट्टी के समीप गत बाढ़ में ध्वस्त सड़क की मरम्मति नहीं किए जाने के कारण अब तक आधा दर्जन भारी वाहन दुर्घटना का शिकार हो चुकी है। वही बसैठ चौक पर भयावह हो चुके जलजमाव के कारण बसैठ चौक के उत्तर व दुर्गा मंदिर के समीप भारी पैमाने पर क्षतिग्रस्त हो चुकी है। बसैठ ऑटो पड़ाव के समीप करीब पंद्रह फीट में सड़क टूट चुकी है। स्थानीय व्यवसायी जितेंद्र कुमार झा, पैक्स अध्यक्ष काशीनाथ झा मंगल, आरटीआई एक्टिविस्ट सह समाजसेवी प्रभात सिंह, पाली के मोद नारायण झा, मुरली झा, मेघवन के पैक्स अध्यक्ष परवेज आलम, बसैठ के पंचायत समिति सदस्य संतोष चौधरी सहित कई लोगों ने बताया कि पहले एसएच-52 पथ के ऑन द स्पॉट मरम्मति के लिए रोड एम्बुलेंस चलती थी, लेकिन बहुत दिनों से उक्त एम्बुलेंस गायब है। लोगों की माने तो अभी बारिश के मौसम में गढ्ढा का अनुमान नहीं होने के कारण दुर्घटना हो रही है। कुछ ही महीनों के बाद जब शीतलहर का मौसम आएगी तो भारी दुर्घटनाएं होगी। बताया गया कि रात को भी आवाजाही करने पर सड़क के असामान्य होने से दिक्कते होती है। बता दे कि रानीपुर पुल, सौली के दोनों पुलों के समीप सड़क अधिक गहरा तक असामान्य है। इन जगहों पर अब तक दर्जनों दुर्घटना हो चुकी है। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से अविलंब पथ की मरम्मति व सड़क को सामान्य बनाने की मांग की है।


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