बेनीपट्टी(मधुबनी)। बाढ़ के जलप्रलय से लोगों को बचाने के लिए प्रशासनिक अधिकारी लगातार प्रयास कर रहे है। जल संसाधन विभाग के निर्देश पर बेनीपट्टी प्रखंड के पश्चिमी भूभाग में अवस्थित जमींदारी बांध की मरम्मति करा रही है। हालांकि, बांध की मरम्मति में अनियमितता किए जाने की बात कही जा रही है। लेकिन, पश्चिमी का सबसे अधिक प्रभावशाली चानपुरा के रिंग बांध की मरम्मति नहीं होने से लोग सवाल करने शुरू कर दिए है। लोगों का आरोप है कि बांध के मरम्मति में गांव की अनदेखी की जा रही है। लोगों ने बताया कि गत बाढ़ में हुए कटाव स्थल को दुरुस्त कर बांध को पुराने स्थिति में ही छोड़ दिया गया। गौरतलब है कि बसैठ का चानपुरा गांव चारों दिशाओं से नदी-नाले से घिरा हुआ है। बाढ़ के समय गांव की स्थिति बदतर हो जाती है। लोग कई दिनों तक घर के छतों पर शरण लिए रहते है। बावजूद इस गांव की अनदेखी लोगों के लिए मुसीबत ला सकती है। जानकारी दे कि उक्त गांव में सभी समुदाय मिला कर करीब दो हजार की आबादी होगी। गांव में कई प्रभावशाली व्यक्ति हुए, जो ऊंचे ओहदों पर है। बेनीपट्टी के प्रखंड उप प्रमुख अशोक चौधरी कहते है कि, इस गांव में बाढ़ के समय स्थिति दयनीय होती है। बावजूद बांध की मरम्मति नहीं कराई गई है। बांध के कई जगहों पर रेनकट व चूहों के बिल के कारण खोखला हो चुका है। बीजेपी के भास्कर चौधरी ने बताया कि पंद्रह वर्षों से रिंग बांध पर एक भी टोकरी मिट्टी नहीं दी गयी है। जबकि बांध की मरम्मति बहुत ही आवश्यक थी। कई जगहों पर बांध का अंदुरुनी भाग खोखला हो चुका है। बसैठ के छोटू चौधरी ने बताया कि पिछले बाढ़ में कॉलेज के समीप बांध ध्वस्त हो गया था। अचानक बांध के टूटने से सुंदरपुर, बसैठ सहित कई गांव जलमग्न हो गया। ऐसी स्थिति से बचने के लिए प्रशासन को पूर्व से ही तैयारी कर ऐसे जगहों की मरम्मति करा देनी चाहिए। वहीं बता दें कि पाली के मुखिया ने भी एसडीएम को आवेदन देकर पाली के शेष गांवों के बांध की मरम्मति कराने की गुहार लगाई है। इस संबंध में एसडीएम मुकेश रंजन ने बताया कि शेष बांधों का निरीक्षण कर रिपोर्ट देने का निर्देश सीओ को दिया गया था। रिपोर्ट प्राप्त होते ही समीक्षा कर वरीय अधिकारी को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।


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