बेनीपट्टी(मधुबनी)। मैथिली में संविधान का प्रकाशन होने से मिथिला गौरवान्वित हुआ है। इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार बधाई व आभार के पात्र हैं। मैथिली भाषा में संविधान के प्रकाशन ने न सिर्फ मिथिला को गौरवान्वित किया है बल्कि मिथिलावासियों की बहुप्रतीक्षित पृथक मिथिला राज्य की मांग में भी उम्मीद जगा दिया है। यह बातें मिथिला व मिथिलावासियों के चहुंमुखी विकास के लिए पिछले करीब 40 वर्षों से अनवरत संघर्षरत मिथिलांचल सर्वांगीण विकास संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष अमरनाथ झा भोलन ने बेनीपट्टी में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही। 

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उन्होंने कहा कि मैथिली भाषा में संविधान का प्रकाशन केंद्र सरकार की अच्छी पहल व स्वागत योग्य कदम है। लेकिन, इसके बाद अलग पृथक मिथिला राज्य का निर्माण भी आज के समय की मांग है। जब तक अलग मिथिला राज्य नहीं बनेगा तब तक मिथिलांचल के सर्वांगीण विकास की बात करनी बेमानी ही होगी। 

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विगत दिनों बिहार विधान परिषद में पूर्व मुख्यमंत्री सह विरोधी दल के नेता राबड़ी देवी ने पृथक मिथिला राज्य बनाने की मांग सदन से कर  एनडीए सरकार के साथ ही अपनी पार्टी की भी सराहना करने के लिए मिथिलावासियों को मजबूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि एनडीए और महागठबंधन दोनों पार्टियां यह अच्छे से जान व समझ रही है कि मिथिलांचल का सर्वांगीण विकास हुए बगैर राज्य व देश का विकास नहीं हो सकता है। 

सके लिए अलग मिथिला राज्य जल्द से जल्द बनना आवश्यक है। प्रेस वार्ता में संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. नवीन झा, उपाध्यक्ष शत्रुधन झा, बेचन झा, सुजीत मिश्र आदि उपस्थित थे।


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