बेनीपट्टी(मधुबनी)। बेनीपट्टी नगर पंचायत में एकत्रित हो रहे कचरा के रखाव के लिए सही स्थल नहीं होने से बाईपास सड़क नरक में तब्दील हो गया है। कचरा से उठ रहे दुर्गंध के कारण बाईपास सड़क होकर आवाजाही करना मुश्किल हो गया है।
वहीं, अब कचरा में आग लगा देने के कारण आधा दर्जन हरे पेड़ झुलस कर सूखने के कगार पर आ गयी है। एक तरफ जहां बिहार सरकार जल जीवन हरियाली योजना के तहत वृक्षारोपण पर जोर दे रही है। वहीं, नगर पंचायत के गलत नीतियों के कारण सड़क किनारे लगे वर्षो पुराने पेड़ बर्बाद हो रहे है। जिस पर नगर पंचायत व वन विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे हुए है।
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विभाग के चुप्पी से स्थानीय लोगों में खासकर पर्यावरणविदों में काफी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि बाईपास सड़क अब चलंत सड़क हो गयी है। मुख्य बाजार के व्यस्तता और आये दिन जाम की समस्या से निजात केलिए लोग बाईपास सड़क होकर निकलते है, लेकिन, नगर पंचायत के द्वारा जब से उक्त सड़क को डंपिंग यार्ड बना दिया है, तब से लोगों के परिचालन पर ब्रेक लग गया है।
लोगों का कहना है कि बाईपास सड़क से सटा कर कचरा गिरा देने से एक ओर जहां बीमारी फैलने की आशंका को बल मिल रहा है, वहीं, नजदीक में संचालित निजी स्कूल के बच्चों को घर आवाजाही में समस्या होती है। कचरा में फेंके गए खाद्य सामग्री को खाने केलिए हमेशा कुत्ता व सुअर जमा रहता है। जिसके कारण दुर्घटनाएं होने की भी संभावना बन जाती है।
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स्थानीय लोगों की माने तो नगर पंचायत को तुरंत बाईपास सड़क की साफ सफाई करा कचरा के लिए दूरदराज जगहों पर स्थल चयन करना चाहिए।
बता दे कि नगर पंचायत कचरा उठाव कर बाईपास सड़क और अनुमंडल- बनकट्टा पथ के किनारे फेंक देती है। जहां कचरा के कारण लोगों को आवाजाही की समस्याएं हो रही है। खुले में कचरा होने से लोगों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव हो रहा है। उक्त पथ पर दर्जनों लोग पूर्व में सुबह की सैर करते थे। लेकिन, डंपिंग यार्ड के बन जाने से लोग अब दूसरे पथ की ओर रुख कर रहे है।
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