घोघरडीहा। प्रखंड क्षेत्र से होकर गुजरने वाली भुतही बलान नदी के किनारे अवैध मिट्टी खनन से नदी का अस्तित्व खतरे में है। जिससे आगामी बाढ़ में भुतही बलान नदी के किनारे स्थित दर्जन भर गांव में बाढ़ की गंभीर खतरा उत्पन्न होने की संभावना बन गई है।
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बता दें कि भुतही बलान नदी के पूर्वी और पश्चिमी तटबंध के बीच में नदी किनारे स्थित सैकड़ों एकड़ खेतिहर भूमि में धड़ल्ले से मिट्टी खनन किया जा रहा है। इस खनन में बेलहा से लेकर वाया किसनीपट्टी आनंदनगर होते हुए रजुआही तक प्रतिदिन आधा दर्जन जेसीबी मशीन सहित करीब एक सौ ट्रैक्टर लगे रहते है।
कई बार स्थानीय प्रशासन मिट्टी खनन में लगे ट्रैक्टर और जेसीबी मशीन को मिट्टी खनन बंद करने की चेतावनी भी देते है।लेकिन प्रशासन के चेतावनी के बावजूद अवैध रूप से मिट्टी खनन का कार्य बदस्तूर जारी है। बता दे कि कालीपुर के पूरब एवं परसा खतवेटोल के पश्चिम सहित आनंद नगर किसनीपट्टी रजुआही तक धड़ल्ले से हो रही मिट्टी खनन से भुतही बलान नदी का स्वरूप इस प्रकार बिगड़ गया है कि कालीपुर, गोनही टोल, बगराहा, बसुआरी, पिपरा कमलपुर, अलोला, भेलवा, करिहर के ग्रामीणों को आगामी सीजन में आने वाली बाढ़ का भय अभी से ही सताने लगी है।
इसके अलावा अवैध मिट्टी खनन का दुष्प्रभाव नवनिर्मित इस्लामपुर-परसा खतवेटोल सड़क पर भी पड़ने वाला है। नदी किनारे से लेकर सड़क तक इस प्रकार मिट्टी खोदकर निकाला गया है कि सड़क पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
बेखौफ होकर सैकड़ों ट्रैक्टर से अवैध मिट्टी खनन का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि घोघरडीहा बाजार में जिधर देखो मिट्टी लदा ट्रैक्टर से जाम ही जाम लगा रहता है। अवैध मिट्टी खनन एवं उससे होने वाली दुष्परिणाम पर किसी पदाधिकारी का नजर नही जाना समझ से पड़े है।
ट्रैक्टर में बिना ढाला लगाकर कर मिट्टी ढोया जाता है, जिससे होने वाले प्रदूषण से लोगो के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता है। बताया जाता है कि इस कारण बच्चों को तो आए दिन सर्दी खांसी से परेशानी होती है।
कालीपुर और घोघरडीहा के ग्रामीण अत्यधिक ट्रैक्टर के परिचालन से परेशान है। कई बार कई लोग दुर्घटना के शिकार भी हुए है। ग्रामीणों ने प्रखंड व अनुमंडल प्रशासन से अबैध मिट्टी खनन एवं अत्यधिक ट्रैक्टर परिचालन पर रोक लगाने की मांग की है।
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