मधुबनी। 
सदर अस्पताल में बन रहे मॉडल अस्पताल तथा अस्पताल में हो रहे विकास कार्यों का सिविल सर्जन डॉ.सुनील कुमार झा ने गुरुवार को जायजा लिया। इस क्रम में उन्होंने अस्पताल में उपलब्ध चिकित्सकीय इंतजाम,ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं, निर्माणाधीन भवन, पार्किंग के इंतजाम, वेटिंग जोन सहित अन्य कार्यों का गंभीरतापूर्वक जायजा लिया। इस दरमियान उन्होंने अस्पताल प्रबंधक को पोस्टमार्टम हाउस को यक्ष्मा विभागके बगल में, सुलभ शौचालय को एएनएम छात्रावास के निकट, स्थानांतरित करने का निर्देश दिया चुकी बरसात के समय में सुलभ शौचालय में पानी भर जाता है जिससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. अस्पताल के दोनों गेट पर बाहरी परिसर को अतिक्रमणकारियों से खाली कराए गए परिसर को अस्पताल परिसर में शामिल करने का निर्देश दिया. विदित हो कि सदर अस्पताल में वर्तमान में दो ओटी (ऑपरेशन थिएटर) है जिसमें एक आई ओटी तथा दूसरा ओटी जहां लोअर एब्डोमेन, अपर एब्डोमेन, सी - सेक्सन,पीपीएस सभी तरह का ऑपरेशन किया जाता है. जिससे सी- सेक्शन कराने वाली गर्भवती महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है वहीं प्रसव कराने वाली गर्भवती माताओं को प्रसव कक्ष से अधिक दूरी तय कर ऑपरेशन थिएटर तक जाना पड़ता है जिसे सिविल सर्जन ने मैटरनिटी ओटी के लिए अलग से लेबर रूम में वार्ड से कनेक्ट कर मरीज को वार्ड के अंदर से ही ओटी में शिफ्ट करने का प्रस्ताव दिया जिससे मरीजों को कम से कम दूरी तय करनी पड़े. सर्जन ने अस्पताल प्रबंधक को अस्पताल परिसर में अलग से मेटरनिटी ओटी बनाने का निर्देश दिया।

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जुलाई 2023 तक बनकर तैयार होगा  मॉडल अस्पताल:


अस्पताल परिसर में निर्माणाधीन मॉडल अस्पताल भवनों का निरीक्षण करते हुए उन्होंने कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया। जहां उपस्थित कर्मी द्वारा सिविल सर्जन को बताया गया कि जुलाई 2023 तक मॉडल अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा.निरीक्षण के क्रम में अस्पताल परिसर में बेतरतीब ढंग से वाहनों की पार्किंग पर सख्ती पूर्वक रोक लगाने का आदेश दिया। चिह्नित स्थानों पर वाहन की पार्किंग सुनिश्चित कराने को कहा। सदर अस्पताल में स्वच्छता संबंधी इंतजाम दुरूस्त करने का निर्देश उन्होंने अस्पताल प्रबंधक को दिया। अस्पताल के जीर्णोद्धार संबंधी कार्यों पर संतोष जाहिर करते हुए इसे ससमय पूरा करने का निर्देश उन्होंने दिया। सदर अस्पताल में बने शौचालयों के साफ-सफाई का बेहतर इंतजाम सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया।


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30 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों का एनसीडी जांच सुनिश्चित कराने का दिया निर्देश:


 सिविल सर्जन ने एनसीडी सेवाओं को दुरूस्त करने का निर्देश दिया। संबंधित सेवाओं की समीक्षा करते हुए एनसीडी क्लिनिक के सफल संचालन का उन्होंने निर्देश दिया । उन्होंने कहा कि ठंड के मौसम मे हर्ट अटैक और डायबिटीज से होने वाली मौत के मामलों में बढ़ोतरी की संभावना होती है। लिहाजा अधिक से अधिक लोगों की जांच कर उन्हें नि:शुल्क दवा उपलब्ध कराने का निर्देश ने दिया। उन्होंने प्रमुखता के आधार पर 30 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों का एनसीडी जांच सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। बताया अस्पताल की क्रियाशीलता व दृष्टिगत बदलाव संबंधी कार्य प्रमुखता के आधार पर संपादित किये जा रहे हैं। इससे मरीजों को सुलभता पूर्वक बेहतर चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध हो सकेगा। विभाग का ध्यान एनसीडी सेवाओं की बेहतरी पर टिका है। इसे बेहतर बनाने की रणनीति पर काम चल रहा है।


मौके पर जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ दयाशंकर निधि, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास, आयुष्मान भारत डीपीसी कुमार प्रियरंजन, अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद, डीसीक्यूए डॉक्टर कमलेश शर्मा, केयर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी  सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे.


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