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स्थानीय लोगों ने बताया कि विभाग व संवेदक के मिलीभगत से एप्रोच का ये हाल है। लोगों ने बताया कि जब पहली बारिश में ये हाल है तो जब बाढ़ अथवा लगातार मूसलाधार बारिश होगी, तब पूल व एप्रोच पथ का क्या हाल होगा। लोगों ने बताया कि अगर इसी तरह की स्थिति रही तो बाढ़ के समय में लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। वहीं, अधिकारियों को भी रेस्क्यू में परेशानी होगी।
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बता दे कि उक्त पूल से गुलरिया टोल, करहारा, बिरदीपुर, सौहरौल, समदा आदि गांव के लोग आवाजाही करते है। गौरतलब है कि उक्त पूल का निर्माण कई आंदोलन के बाद ग्रामीण कार्य विभाग ने नाबार्ड से करीब दो करोड़ 16 लाख से अधिक की राशि से निर्माण कराई है। पूल केलिए पांच वर्ष का अनुरक्षण का भी प्रावधान किया गया है।
इस संबंध में ग्रामीण कार्य विभाग के कनीय अभियंता शिवानी झा ने बताया कि निर्माण के दौरान स्थानीय लोगों ने कई समस्याएं उत्पन्न की। जिसके कारण ये समस्या हो रही है। उन्होंने बताया कि वे इस मसले को संवेदक को कहते है। उसका निदान किया जाएगा।
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