भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने कर बरपाया हुआ है। वहीं अब देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर की भी आशंका जताई जा रही है। तीसरी लहर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता व्यक्त की है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, देश में तीसरी लहर को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है और सरकार से उसके लिए तैयारी करने के लिए कहा है। जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, कोरोना वायरस (कोविड-19) की तीसरी लहर सामने दिख रही है। इस तीसरी लहर का असर हमारे बच्चों पर भी पड़ने की आशंका है।



न्यायाधीश चंद्रचूड़ का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर से पहले वैक्सीनेशन के मौजूदा अभियान को तेजी से पूरा करने की आवश्यकता है। देश कोरोना की तीसरी लहर में प्रवेश कर सकता है। हम आज से ही अगर तैयारी करते हैं तो तीसरी लहर से लड़ने में सफल हो सकते हैं।  कोरोना पर स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस, छत्तीसगढ़ दिल्ली और मध्य प्रदेश में कम हुए कोरोना के आंकड़े न्यायाधीश चंद्रचूड़ का कहना है कि वर्तमान समय में देश के भीतर करीब 1.5 लाख डॉक्टर ऐसे हैं जो कोर्स पूरा कर चुके हैं। लेकिन वे NEETपरीक्षा का इंतजार कर रहे हैं। इसी तरह करीब 2.5 लाख नर्स हैं, जोकि एग्जाम पास करने के बाद घर बैठी हैं। ये सब लोग तीसरी लहर में कारगर साबित हो सकते हैं।



उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार से पूछा कि इनका कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है। बता दें कि कोरोना वायरस की पहल लहर के असर बुजुर्ग लोगों पर पड़ा। कोरोना वायरस की दूसरी लहर का असर युवाओं पर देखने को मिल रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना की तीसरी लहर का असर बच्चों पर ज्यादा पड़ सकता है। दुनिया के कई देशों में युवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर में अधिक संक्रमित हो रहे हैं। कनाडा में तो 12 से 15 साल के बच्चों को फाइजर की वैक्सीन लगाने की इजाजत दे दी गई है।



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