रूस ने एक बार फिर दुनिया को यह दिखा दिया है कि वह कोरोना की वैक्सीन बनाने के मामले में किसी से कम नहीं है। उसने एक खुराक वाली वैक्सीन (सिंगल डोज वैक्सीन) 'स्पुतनिक लाइट' को इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है। यह जानकारी रूस के स्वास्थ्य अधिकारियों ने गुरुवार को दी। इस वैक्सीन को बनाने के लिए रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) की ओर से वित्तीय सहायता दी गई है।
आरडीआईएफ ने एक बयान में कहा कि स्पुतनिक लाइट ने दो खुराक वाली स्पूतनिक-वी, जिसका प्रभावकारिता 91.6 फीसदी है, की तुलना में 79.4 फीसदी प्रभावकारिता का प्रदर्शन किया है। माना जा रहा है कि इस वैक्सीन के लाइट वर्जन से टीकाकरण को गति मिलेगी और यह महामारी को फैलने से रोकने में मदद करेगा। आरडीआईएफ ने बताया कि इस एक खुराक वाले टीके की कीमत 10 डॉलर यानी करीब 737 रुपये से भी कम है।
आरडीआईएफ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी किरिल दिमित्रिव ने दावा किया है कि स्पूतनिक लाइट वैक्सीन अस्पताल में भर्ती होने वाले गंभीर मामलों की संभावना को काफी कम कर देता है। उनका यह भी दावा है कि यह कोरोना वायरस के सभी नए वैरिएंट्स के खिलाफ भी प्रभावी साबित हुआ है।
स्पुतनिक-वी की इस लाइट वर्जन कोरोना वैक्सीन को भी मॉस्को के गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने तैयार किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस की दो खुराक वाली स्पुतनिक-वी को अब तक 60 से भी अधिक देश इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे चुके हैं। इसमें भारत भी शामिल है। वैक्सीन की पहली खेप भारत पहुंच भी चुकी है। बीते शनिवार को ही रूसी विमान वैक्सीन की डेढ़ लाख खुराक लेकर हैदराबाद पहुंचा था। माना जा रहा है कि इस वैक्सीन से आ जाने से अब भारत में भी टीकाकरण अभियान में तेजी आएगी।
Russia's single-dose Sputnik Light vaccine has 79.4 pc efficacy, effective against all new coronavirus strains: RDIF
— ANI Digital (@ani_digital) May 6, 2021
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