बेनीपट्टी(मधुबनी)। बेनीपट्टी प्रखंड में नदियों का जाल फैला होने के बाद भी किसानों को पटवन के लिए आसमानी पानी पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है। जबकि, चलंत नदियों में तकनीक व जगह-जगह स्लुईस गेट के निर्माण से अधिकांश किसानों के पटवन की समस्या करीब-करीब खत्म हो जाएगी। बेनीपट्टी में अधवारा समूह के बछराजा, धौंस, ककुरा, खिरोई, थुम्हानी, रातो सहित करीब एक दर्जन नदियों के उपधार बेनीपट्टी के पश्चिमी से लेकर मुख्यालय के इर्द-गीर्द तक बहते है। लेकिन, नदियों की साफ-सफाई नहीं होने के कारण नदी के तलहट में सिल्ट व गाद जमा हो गए है। जिसके कारण नदियों में पानी आते ही पानी तुरंत उफान मार कर बाढ अथवा अन्य मौसम में पानी सीधे निकल जाता है। पानी के ठहराव नहीं होने के कारण किसानों को इस पानी से कोई लाभ नहीं हो पाता है। जबकि, धौंस नदी के प्रदूषित पानी को छोड़ सभी नदियों का पानी पटवन व अन्य योग्य है। बेनीपट्टी के त्यौंथ पंचायत के खनुआ स्थित थुम्हानी नदी का आलम भी कुछ ऐसा ही है। जहां नदी का तलहट व किनारों की सीमा पता ही नहीं, कब खत्म हो गई। जिसके कारण पानी नदी में नही ंके बराबर रहती है। जबकि, बीस वर्ष पूर्व इस नदी के पानी से पानी से क्षेत्र के किसान कमाल की खेती करते थे। खासकर, सब्जी उगा कर इस क्षेत्र के किसान अच्छे खासी आमदनी कर पाते थे। अब किसानों ने प्रशासन से यथाशीघ्र नदी पर स्लुईस गेट निर्माण की जोर दे रहे है। ग्रामीणों ने बताया कि फिलहाल, मनरेगा योजना से नदी की उड़ाही हो, ताकि, बारिश के मौसम में पानी का ठहराव हो सके। पैक्स अध्यक्ष विवेक राय ने बताया कि इस नदी पर स्लुईस गेट के निर्माण से कोरिया टोल खनुआ, चहुंटा, बिरौली, अधवारी समेत कई गांव के किसानों को काफी लाभ होगा। पैक्स अध्यक्ष ने बताया कि फिर से खनुआ टोल अपने मूल खेती सब्जी की ओर पलट जाएगा। जिससे इस क्षेत्र के लोगों को अन्य जिलों से सब्जी मंगाने का भार कम होगा। उधर, मनरेगा के पीओ संजीव रंजन मिश्रा ने कहा कि किसान अगर आवेदन दे, तो वरीय अधिकारी को भेजकर हरसंभव उड़ाही की जाएगी। वहीं प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि कुछ लोगों का आवेदन प्राप्त हुआ है। जल्द ही स्थल जांच कर जो भी संभव होगा, किया जाएगा। स्लुईस गेट के निर्माण के लिए भी संबंधित विभाग को पत्राचार किया जाएगा।