बेनीपट्टी(मधुबनी)। वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों में बिहार के सीएम सह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की छवि एक उदाहरण साबित हुआ है। परिवारवाद तथा भ्रष्टाचार से मुक्त नीतीश कुमार ने भारतीय राजनीति में एक मानक स्थापित किया है। जबकि एक सीएम के रूप में विकासवादी सोच एवं शराबबंदी दहेज प्रथा बाल विवाह जैसी सामाजिक परिवर्तन के मुद्दों एवं जल जीवन तथा हरियाली अभियान की देश ही नही विदेशों में भी सराहना की जा रही है। नीतीश कुमार के इसी मॉडल को आगे कर जदयू बंगाल विधानसभा चुनाव में 75-80 सीटों पर चुनाव लडेगी। प्रदेश जदयू के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल कुमार ठाकुर ने उपरोक्त बातों की जानकारी देते हुए कि बंगाल में बिहारी लोगों की पर्याप्त संख्या है और बिहारबासियो के बीच नीतीश मॉडल की चर्चा को ध्यान में रखते हुए पार्टी नेतृत्व ने चुनाव लडने का फैसला लिया है। जो स्वागतयोग्य है। जदयू नेता ने बंगाल चुनाव लडने के निर्णय को शीर्ष नेतृत्व के द्वारा संगठन के राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार की एक कड़ी बताते हुए कहा कि दिल्ली गुजरात अरूणाचल प्रदेश दादर नगर हवेली के चुनाव में पार्टी को मिल रहे समर्थन के मद्देनजर बंगाल तथा असम में भी अपेक्षित सफलता मिलने की उम्मीद है। जहां स्वतंत्र रूप से या गठबंधन करने का फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार राष्ट्रीय संगठन प्रभारी सांसद श्री आरसीपी सिंह एवं अन्य वरिष्ठ नेताओं के द्वारा उचित समय पर लिया जायेगा। जदयू नेता ने बिहार सरकार द्वारा सात निश्चय पार्ट - 2 को बिहार के बिकास के लिए अहम बताते हुए कहा कि सड़क स्वास्थ्य शिक्षा मनोरंजन आधारभूत संरचना औद्योगिक निवेश के माहौल जैसे मुद्दे पर नीतीश सरकार का हर निर्णय दूसरे प्रदेशों के लिए एक उदाहरण साबित हुआ है।


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