बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर द्वारा मिथिलांचल मखाना उत्पादक संघ, पूर्णिया के तरफ से मखान को बिहार के नाम से जीआई टैग देने के अनुरोध पर बेनीपट्टी से कांग्रेस विधायक भावना झा ने बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के नाम पत्र लिखकर मखान को मिथिला के नाम से जीआई टैग देने की मांग की है. बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के डीन डॉ रेवती रमण सिंह के नाम लिखे अपने पत्र में विधायक भावना झा ने लिखा है कि देखकर प्रसन्नता हुई की आपके संस्थान BAU Sabour ने मखाना के जीआई टैग संबंध में मिथिलांचल मखाना उत्पादक संघ, पूर्णिया के तरफ से प्रपोजल भेजा है. लेकिन ये देखकर दुख हुआ की जीआई टैग का अनुरोध Makhana From Bihar के नाम से की गई है.
मखाना मिथिला क्षेत्र की मूल फसल है, देशभर में सर्वाधिक उत्पादन करने वाला क्षेत्र भी मिथिला है. मिथिला क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जिले मसलन मधुबनी, पूर्णिया, भागलपुर, समस्तीपुर सहित दर्जनों जिलों में मखाना का उत्पादन और प्रसंस्करण होता है. अतः मखाना का जीआई टैग "मिथिला मखान" के नाम से होना चाहिए था ना कि "बिहार मखाना" के नाम से. मखाना मिथिला के सांस्कृतिक पहचान में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, लोग इसे अपनी संस्कृति से जोड़ते हैं, इसके उत्पादन सहित प्रसंस्करण की यहां की विधि भी सबसे अलग है. अतः जियोग्राफिकल इंडीकेशन मिथिला मखान के नाम से ही होना चाहिए. Makhana From Bihar देखकर मिथिला क्षेत्र के लोगों के मन में रोष उत्पन हो रहा है. लोग सोशल मीडिया सहित मीडिया और सांस्थानिक स्तर पर इसके विरोध में संवाद कर रहे हैं. आशा है आप इसपर ध्यान देंगे.