बेनीपट्टी(मधुबनी)। वैश्विक महामारी कोरोना के भय से लॉकडाउन हो चुके लोगों को शुक्रवार की शाम भारी पड़ गई। आसमानी ओलावृष्टि के कारण सैकड़ों लोग तबाह हो गए। लोगों के छत उड़ गए तो कई वाहनों के शीशे चकनाचूर हो गए। आसमान से गिर रहे अनवरत ओले को देख बच्चे तो बच्चे वृद्ध भी सहम गए। हर कोई अपने घर में भय के कारण घुस गया। वहीं एस्बेस्टस के छत के नीचे रात्रि गुजार रहे लोगों को पूरी रात आंखो ही आंखो में काटने  की विवशता बन गई। क्योंकि तेज आंधी के साथ हुई बारिश व बर्फवारी के बाद भी आसमान में देर तक बादल लगे हुए थे। हर कोई कुदरती कहर के वापस होने की आशंका से आराम नहीं कर सका। बेनीपट्टी के 88 वर्ष के रविन्द्र पाठक ने बताया कि ऐसी तबाही अभी तक उन्होंने नहीं देखी थी न ही सुनी थी। उन्होंने कहा कि ओलावृष्टि पूर्व में भी होती थी, मगर पत्थर का आकार सौ ग्राम से लेकर दो सौ ग्राम तक होता था। लेकिन बीती रात तो एक-एक पत्थर आधा किलो से लेकर एक किलो तक का था। वहीं लोगों की माने तो इस वजनी ओला के कारण ही काफी क्षति हुई है। आम के साथ किसानों के गेंहू व दलहन-तेलहन फसल बर्बाद हुए है।


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