बेनीपट्टी(मधुबनी)। रोटावायरस टीका कार्यक्रम की शुरुआत बुद्धवार को प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डा. एसएन झा ने बसैठ के स्वास्थ्य उपकेन्द्र पर दर्जनों बच्चों को टीका देकर किया। चिकित्सा पदाधिकारी ने कार्यक्रम का उद्घाटन फीता काटकर किया। टीकाकरण किए जाने के बाद पीएचसी प्रभारी ने अभिभावकों को इस टीका से होने वाले लाभ के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। डा. झा ने बताया कि रोटावायरस काफी खतरनाक है। इससे बच्चों की असमय ही मौत हो जाती है। इसके रोकथाम के लिए टीका ही उपयुक्त है। इसलिए, सभी अभिभावक खुले मन से बच्चों को टीका दिलाएं। डा. झा ने सभी स्वास्थ्य कर्मी को इस टीकाकरण को गंभीरता से संपन्न कराने का निर्देश देते हुए कहा ि कइस टीका में किसी भी स्तर की लापरवाही बरती गई तो कार्रवाई के लिए सिविल सर्जन को लिखा जाएगा। डा. झा ने बताया कि रोटावायरस दस्त के कारण प्रति वर्ष 32 लाख बच्चे अस्पताल के ओपीडी में आते है। इनमें से लगभग 8.72 लाख बच्चों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ जाता है। इसमें करीब 78 हजार बच्चों की मौत हो जाती है। मृत्यु में 59 हजार तो ऐसे बच्चे होते है जो दो वर्ष के उम्र के होते है। इसलिए, सभी कर्मी इस टीका को गंभीरता से ले। वहीं स्वास्थ्य प्रबंधक राजेश रंजन ने बताया कि रोटावायरस संक्रमण की शुरुआत हल्के दस्त से होती है। जो आगे जाकर गंभीर हो जाती है। इलाज नहीं होने के कारण बच्चे के शरीर से पानी व नमक की कमी बना देती है। जो मौत का कारण बन जाती है। इस बीमारी से रोकथाम के लिए ही टीकाकरण कराया जा रहा है। ताकि, बच्चें इस बीमारी के चपेट में न आये। वहीं स्वास्थ्य प्रबंधक रंजन ने टीका के बाद व टीका से पूर्व स्तनपान में किसी प्रकार की समस्या नहीं होने की बात कही। मौके पर डा. निशांत आलोक, बीएमसी रामदेव ठाकुर, देवभूषण कुमार, सकलदेव राय, विमला कुमारी सहित कई आशा कार्यकर्ता व आंगनबाड़ी सेविका मौजूद थी।