बेनीपट्टी (मधुबनी)। प्रखंड के अरेड़ स्थित बच्चा झा जनता उच्च के संसाधन से लैस करने के लिए विभागीय पहल नहीं हो रही है। संसाधन विहीन स्कूल में भारी समस्याओं के बीच शिफ्ट में छात्रों की पढ़ाई कराई जा रही है। जिससे छात्रों के शैक्षणिक स्तर गिर रहा है। स्कूल में एक ओर जहां नामांकित छात्रों की संख्या एक हजार के आसपास है। वहीं पठन-पाठन के लिए विभाग की ओर से करीब ग्यारह शिक्षकों की फौज तैनात कर दी गयी है। लेकिन वर्गवार पढ़ाई के संचालन के लिए कमरों के अभाव के कारण छात्र शिक्षा से बंचित हो रहे है। संसाधन के अभाव के कारण स्कूल बदहाली के दौर से गुजर रहा है। शिक्षक रोजाना आकर उपस्थिति दर्ज कर वापस जाने के लिए मजबूर है, परंतु शिक्षा विभाग अरेड़ के ऐतिहासिक स्कूल को बचाने के लिए कोई ठोस पहल करती फिलहाल नहीं दिख रही है। बारिश छतों से पानी टपकने के कारण विभाग से प्राप्त करीब 15 कम्प्यूटर कभी भी अधिष्ठापित ही नहीं की गयी, जिससे छात्रों को कम्प्यूटर की शिक्षा प्राप्त होती है। विडंबना है कि शिक्षा के स्तर को उंचा करने के दावें करने वाली नीतीश कुमार की सरकार ने उक्त विद्यालय को प्लस टू का दर्जा देकर नये भवन के लिए राशि आवंटित तो की, परंतु विभागीय पेंच के कारण राशि वापस हो गयी। स्कूल परिसर में करोड़ो की राशि से निर्मित छात्राओं के लिए छात्रावास की देखरेख नहीं होने के कारण धीरे-धीरे खंडहर बन रहा है। छात्रों ने बताया कि स्कूल में बैठने तक की सुविधा नहीं है। गौरतलब है कि सुदूर ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की अलख जगाने के लिए स्व. विश्वंभर झा ने स्कूल निर्माण के लिए जमीन दिया था। स्कूल की बदहाली के संबंध में पूछे जाने पर स्कूल के प्रधानाध्यापक श्यामनंदन भौआर ने बताया कि स्कूल के पास पूर्व से मौजूद ग्यारह कमरों से अधिकांश कमरा पूर्णरुप से जर्जर है। तीन कमरों में किसी तरह छात्रों को शिक्षा दी जा रही है। वहीं एचएम ने बताया कि संसाधन के लिए कई बार विभागीय अधिकारी को पत्राचार किया गया, परंतु कोई ठोस पहल नहीं किया गया। प्रखंड के जदयू शिक्षक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष प्रदीप कुमार झा बासू ने बताया कि स्कूल की भूमि उनके ही चाचा ने सरकार को दान में थी, ताकि सुदूर ग्रामीण इलाकों के छात्र उच्च शिक्षा ग्रहण कर सके। श्री बासू ने कहा कि स्कूल में संसाधन व शिक्षा की उच्च व्यवस्था के लिए कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को आवेदन दिया जा चुका है। परंतु अब तक निराशा ही हाथ लगी है। इस संबंध में एसडीएम मुकेश रंजन ने बताया कि अरेड़ उच्च विद्यालय को संसाधन से लैस किए जाने को लेकर डीईओ को पत्राचार किया जाएगा।


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