बेनीपट्टी (मधुबनी)। शिक्षा के अधिकार कानून के लागू होने के वर्षो बाद भी शिक्षा विभाग छात्रों के भविष्य पर ध्यान नहीं दे रही है। जिसका खामियाजा छात्रों को उठाना पड़ रहा है। शिक्षकों की फौज होने के बाद भी विभाग के लापरवाही का दंश झेल रहा है ,ब्रह्मपुरा पंचायत का चतरा मध्य विद्यालय। जहां करीब एक हजार छात्र व छात्राओं के पठन-पाठन के लिए मात्र दो शिक्षक ही उपस्थित रहते है। ऐसी स्थिति में किस तरह की शिक्षा बच्चों को दी जा रही है, इसका अंदाजा लगाना सहज है। बावजूद शिक्षा विभाग स्कूल के छात्रों के भविष्य की ओर नहीं देख रही है। दो शिक्षकों के भरोसे विद्यालय के संचालन में आ रही समस्याओं के कारण एक ओर जहां शिक्षक तनावग्रस्त रहते है, वहीं दूसरी ओर छात्र व छात्रा पूरे दिन खेलने में समय गुजार रहे है। गौरतलब है कि चतरा मध्य विद्यालय में नामांकित छात्रों की संख्या करीब 958 है। जिनको पढ़ानें के लिए विभाग की ओर से सात शिक्षक बहाल किये गये है। जिसमें चार शिक्षक विशेष प्रशिक्षण में गए हुए है तो वहीं एक शिक्षक कई दिनों से रुग्णावकाश है। उधर वर्ग-01 से वर्ग-08 तक शिक्षा देने के लिए उपयुक्त विद्यालय में कमरों के अभाव के कारण वर्गवार पढ़ाई प्रभावित है। स्कूल के दस कमरों में से सिर्फ छह कमरों में ही पढ़ाई कराई जाती है। वहीं बच्चों के लिए किचेन शेड का भी निर्माण नहीं कराया गया है। शिक्षक के मनमाने ढंग से आने के कारण स्कूली छात्र विद्यालय समय पर नहीं पहुंचते है। उधर ग्रामीणों की माने तो स्कूल के पास कुल दस कठ्ठा जमीन है, जिसमें आधे से अधिक भागों पर अतिक्रमण कर लिया गया है। स्कूल के कई छात्रों ने बताया कि स्कूल के आगे तालाब होने एवं स्कूल की घेराबंदी नहीं होने के कारण छोटे -छोटे बच्चों को स्कूल में आने से डर लगता है। इस संबंध में स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक श्री मोची ने बताया कि पूर्व प्रभारी के निधन के बाद स्कूल का प्रभार मुझे दिया गया है। शिक्षक नहीं होने के कारण सारा काम अकेले ही करना पड़ रहा है। कार्यालय का काम छोड़ पढ़ाई कराना भी संभव नहीं है। बावजूद परेशानियों के बीच शिक्षा देने का काम किया जा रहा है।


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