बेनीपट्टी (मधुबनी)। गांव-देहात को मुख्य सड़क से जोड़ने के कई योजनाएं संचालित होने के बाद भी बेनीपट्टी प्रखंड के करहारा गांव आज के युग में भी मुख्य सड़क से कटा हुआ है। गांव में प्रवेश के लिए न तो ग्रामीण पथ का निर्माण हुआ , न ही गांव के मुख्य प्रवेश द्वार पर वर्षों से गुजरने वाली धौंस नदी पर पूल का निर्माण हो पाया। गांव में ग्रामीण पथ व पूल का निर्माण नहीं होने से ग्रामीणों को आवागमन की भारी परेशानी हो रही है। बारिश के मौसम में एक ओर जहां धौंस नदी में लबालब पानी होने के कारण चचरी से आवागमन करने के लिए मजबूर होते है, वहीं सोईली के लचका पूल के आगे गड्ढानूमा पगडंडी होने के कारण आवाजाही प्रभावित हो जाती है। सोईली लचका होते हुए गांव को जाने वाली पगडंडी भी इस कदर जर्जर व गड्ढानूमा है कि कब कोई दुर्घटना का शिकार हो जाये, कहना मुश्किल है। बारिश में उक्त पथ से आवागमन पूर्णरुप से प्रभावित हो जाती है। उक्त पथ से पीछा हटा तो चिकनाईयुक्त बांध पर से आवाजाही करनी पड़ती है। अक्सर ग्रामीण बारिश के समय में पांव-पैदल ही यात्रा करने के लिए मजबूर हो जाते है। ग्रामीण मो. आरजू, मो. छोटे, गज्जू यादव, रंजीत मंडल सहित कई लोगों ने बताया कि गांव में प्रवेश करने के लिए पथ तो दूर गांव में आवाजाही करने के लिए भी पथ का नामोनिशान नहीं है। गौरतलब है कि करहारा गांव प्रखंड मुख्यालय से करीब पांच किमी दूर पश्चिमी में अवस्थित है। जहां अल्पसंख्यकों एवं यादवों की अधिक जनसंख्या है। ग्रामीणों ने बताया कि पथ का निर्माण दो विधानसभा क्षेत्र में विभक्त होने के कारण नहीं हो पा रहा है।
      धौंस नदी पर पूल निर्माण हो तो विकास की राह होगी आसान
अधवारा समूह के धौंस नदी के किनारे पर बसा करहारा गांव की मुख्य समस्या पूल का निर्माण नहीं होना है। जनप्रतिनिधियों के द्वारा पूल निर्माण का आश्वासन अब तक फलीभूत नहीं होने के कारण गांव की समस्या बढ़ती ही जा रही है। ग्रामीणों को हर वर्ष बारिश  से पूर्व धौंस नदी पर चचरी पूल का निर्माण कराना पड़ता है, ताकि चचरी पूल से बसैठ तक आवाजाही की जा सके। जानकारी दें कि धौंस नदी पर पूल के निर्माण के लिए कई बार आन्दोलन कर चुके है, बावजूद अब तक धौंस नदी पर पूल का निर्माण तो दूर जनप्रतिनिधियों के द्वारा चर्चा भी नहीं की जा रही है। जिससे पूल निर्माण का सपना अब भी दूर नजर आ रहा है।
           स्वास्थ्य व शिक्षा पर लगी अनियमितता की नजर
मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर करहारा पर सरकारी विभागों की नजर इनायत नहीं हो रही है। गांव में शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा के लिए संचालित स्कूल व स्वास्थ्य उपकेन्द्र अधिकांश समय बंद ही रहती है। वहीं स्कूलों में पढ़ाई सही ढंग से नहीं होने के कारण शिक्षा के मामले में भी उक्त गांव पिछड़ रहा है। वहीं स्वास्थ्य उपकेन्द्र पर लटका ताला कभी खुलता ही नहीं है। गांव के लिए प्रतिनियुक्त एएनएम गांव में भ्रमण कर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के दावे कर रही है।
मुखिया ने कहा-करहारा पंचायत के मुखिया शीला देवी बताती है कि गांव में विकास के कार्य करने के लिए कई कार्य है, परंतु राशि के अभाव में विकास बाधित है। वहीं पूल निर्माण के लिए पंचायत स्तर पर कोई फंड नहीं होता है। जिससे पूल का निर्माण कराया जा सके।


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