बेनीपट्टी(मधुबनी)। पिछले पंद्रह दिनों से जारी भारी शीतलहर से किसानों के चेहरें की हवाईयां उड़ रही है। शीतलहर के कारण किसानों के खेतों में बोये गये आलू की फसल बर्बाद हो रही है। आलू की फसल झूलसा रोग से प्रभावित हो रही है। जिसके कारण आलू के उत्पादन पर ग्रहण लग सकता है। वहीं दलहन व तेलहन की फसल भी शीतलहर के चपेट में आ रही है। किसानों के खेत में लगा मसूर, मटर, चना, सरसों, तोरी, तीसी सहित कई अन्य फसल चौपट हो रहा है। वहीं गेंहू की फसल को इस मौसम से लाभ होने की संभावना है। किसानों की माने तो शीतलहर के कारण गेंहू बोये गये खेतों में नमी बरकरार रहने की स्थिति में गेंहू की फसल को फायदा मिल रहा है, लेकिन अन्य फसलों को नुकसान झेलना पड़ रहा है। जानकारी दें कि शीतलहर के कारण आलू के फसल में झूलसा रोग होने की संभावना बन जाती है। जिसके कारण आलू के पत्तों में काला-काला सा दाग लगना शुरु हो जाता है। जो कुछ ही समय के बाद फैल कर पूरे पौधें का सूखा देता है। जिसके कारण पौधें के जड़ में आलू पनप नहीं पाता है। वहीं दलहन व तेलहन पौधे की समस्या भी कुछ ऐसी ही होती है। जिसके कारण दाना भी सही ढंग से नहीं हो पाता है। किसान रविन्द्र पाठक, जागेश्वर मंडल, मो. शकील, देवेन्द्र मंडल सहित कई किसानों ने बताया कि देर तक शीतलहर रहने पर करीब सभी फसलों को नुकसान उठाना पड़ेगा। वहीं किसानों ने बताया कि शीतलहर के कारण अन्य फसलों का सही समय पर पटवन भी प्रभावित होगा। इस संबंध में प्रखंड कृषि पदाधिकारी प्राणनाथ सिंह ने बताया कि फंफूदीनाशक दवा के छिड़काव करने से फसलों को शीतलहर के चपेट से बचाया जा सकता है। श्री सिंह ने सभी किसानों से दवा का छिड़काव समय पर कर लेने की अपील की है।


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