बेनीपट्टी (मधुबनी)। बाढ़ की त्रासदी के चार माह के बाद भी क्षतिग्रस्त सड़को की मरम्मत नहीं हो पायी है। जिसके कारण स्थानीय लोगों में विभाग के कार्यशैली पर आक्रोश पनप रहा है। बाढ़ग्रस्त क्षेत्र के यदा-कदा सड़कों पर संबेदक की ओर से मिट्टी व ईंट का टुकड़ा डाल कर कार्य की इतिश्री करने के कारण समस्या अधिक हो रही है। असमान्य जगहों पर ईंट-पत्थर डाल देने से दुर्घटना की आशंका बढ़ गयी है। वहीं कई जगहों पर मिट्टी धंस गयी है। स्टेट हाईवे-52 पथ के पाली चौक से दक्षिणी भाग में कमतौल की ओर जाने वाली सड़क पूर्व से ही जहां जर्जर था। वहीं बाढ़ की त्रासदी झेलने के कारण अब उक्त जगह पर सड़क के नाम पर निशानी रह गयी है। पानी कम होने पर स्थानीय प्रशासन के द्वारा मिट्टी डाल दी गयी। जो अब जानलेवा साबित हो रही है। वहीं असमान्य पथ होने के कारण अधिकतर बाईक सवार रात के सफर में दुर्घटना का शिकार हो रहे है। उक्त पथ की करीब आधा किमी का सफर लोग भगवान भरोसे ही कर पा रहे है। स्थिति इतनी खराब है कि कब कोई वाहन पलट जाए, कहना मुश्किल है। गौरतलब है कि पाली चौक से पाली गोठ तक सड़क का निर्माण नाबार्ड योजना से करीब दस वर्ष पूर्व कराई गयी। उक्त समय सड़क की मापी में हुई गड़बड़ी के कारण चौक से दक्षिण करीब आधा किमी सड़क का निर्माण शेष रह गया। जो पूर्व से ही जर्जर था। जिसके निर्माण के लिए कई बार स्थानीय स्तर पर आन्दोलन किया जा चुका। गत वर्ष आये प्रलयकारी बाढ़ में उक्त सड़क की शेष भागों को भी कटाव की चपेट में ले लिया। जिसके कारण अब उक्त आधा किमी में सड़क के नाम पर मिट्टी का मेंड़ रह गया है। जिला परिषद् सदस्य खुशबू कुमारी ने बताया कि उक्त सड़क का मरम्मति कराने की योजना का टेंडर नहीं हो रहा है। जिप सदस्य की माने तो उक्त सड़क अब मरम्मति योग्य नहीं निर्माण योग्य रह गया है। उधर सूत्रों की माने तो सड़क की मरम्मत की योजना होने के कारण ही टेंडर नहीं हो पा रहा है। स्थानीय लोगों ने विभाग से तत्काल मोटरेबुल कराने की मांग की है।