बेनीपट्टी (मधुबनी)। जनप्रतिनिधियों के उपेक्षा का जीता-जागत उदाहरण साबित कर रहा है, प्रखंड के पाली पंचायत के मंझिला टोल। जहां अब तक विकास के नाम पर सिर्फ छलावा ही किया गया है। मुहल्लें में आवाजाही के लिए न तो ग्रामीण पथ है, न ही कोई विकास की किरण अब तक मुहल्लें तक पहुंच सकी है। जबकि हर चुनाव में विकास के खुब ढिंढोरा पीटा जाता रहा है। हैरत है कि उक्त मुहल्लें में आवाजाही के लिए अब भी खेत के मेढनूमा बांध के किनारे वर्षों पूर्व निर्मित खरंजा पथ है। जो दर्जनों जगहों पर क्षतिग्रस्त है। रात के अंधेरे में वाहन से गांव में जाना तो दूर पांव-पैदल भी लोग जाने से कतराते है। वहीं ग्रामीण पथ के नाम पर गली के अलावा कुछ नहीं है। गौरतलब है कि मधुबनी-सीतामढ़ी स्टेट हाईवे-52 के पाली चौक से कमतौल को जोड़ने वाली मुख्य पथ के मध्य उक्त मुहल्ला बसा हुआ है। जहां मुस्लिम, अतिपिछड़ा व सवर्णो की जनसंख्या है। सभी गांव को मुख्य पथ से जोड़ने एवं गली-गली पक्की सड़क के दावों दम तोड़ रही है। सड़क निर्माण के लिए ग्रामीणों ने कई बार आन्दोलन का रुख किया, परंतु हर बार आश्वासन के आगे बात नहीं बनी। जिसके कारण आज तक उक्त मुहल्लें के लोग पीसीसी पथ के लिए तरस रहे है। जबकि जनप्रतिनिधियों के द्वारा सभी बसावट गांवों को मुख्य सड़क से जोड़ने के दावें किये जाते है। जानकारी दें कि उक्त पंचायत पूर्णरुप से बाढ़ग्रस्त पंचायत की श्रेणी में है। मुहल्लें के सभी कोणों पर महराजी बांध का निर्माण कराया गया है। गांव में आवाजाही का एकमात्र साधन बांध ही रह गया है। वहीं दूसरे ओर नदी पर पूल का निर्माण नहीं होने से लोगों को करीब तीन किमी दूर घुमकर पाली चौक होते हुए बसैठ जाना पड़ता है। जबकि मुहल्लें के अधिकांश बाजारी कार्य बसैठ अथवा बेनीपट्टी से किया जाता है। जिला परिषद् सदस्य खुशबू कुमारी ने बताया कि उनके कार्यकाल में पीसीसी का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है। राशि उपलब्ध होने पर छोटी-छोटी योजना के तहत सड़क का निर्माण कार्य कराया जाएगा। वहीं जिप सदस्य ने कहा कि सड़क की समस्या वाकई उक्त मुहल्लें के लिए बहुत बड़ी समस्या है।


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