बेनीपट्टी(मधुबनी)। स्टेट हाईवे- 52 पथ बेनीपट्टी-सीतामढी पथ से पाली बैंगरा कोठी होते हुए कमतौल जाने वाली मुख्य पथ के बीच पाली गोठ स्थित लचका पुल के जर्जरता के कारण लोगों की परेशानी बढ गयी है। पुल में एक ओर जहां दर्जनों जगहों पर दरारें उग आयी है, वहीं पुल की उंचाई कम होने के कारण हल्की भी बारिश होने पर पानी लचका पुल पर आ जाने से लोगों को ओर भी परेशानियों का सामना करना पडता है। बताते चलें कि उक्त पुल का निर्माण वर्ष 1996 में तत्कालीन विधायक शालीग्राम यादव ने अपने ऐच्छिक कोष से लगभग पांच लाख से अधिक की राशि खर्च कर निर्माण कराया था। निर्माण के कई वर्ष गुजर जाने के बाद भी उक्त पुल का जीर्णोद्धार के प्रति सकारात्मक पहल नहीं होने से लचका पुल जहां अब खतरनाक बनती दिखायी दे रही है, वहीं उक्त पुल कब बडी दुर्घटनाओं को अंजाम दे कहना मुश्किल बना हुआ है। ज्ञात हो कि उक्त पथ से दरभंगा आने जाने वालों की तादात दिनों दिन बढती ही जा रही है। बावजूद पुल के निर्माण या जीर्णोद्धार के प्रति किसी भी स्तर पर पहल नहीं की जा रही है। व्यापार मंडल के प्रखंड अध्यक्ष सह जदयू के वरिष्ठ नेता राजेंद्र मिश्रा ने बताया कि लचका पुल में उपयोग किये गये अधिकांश ह्युम पाईप के कारण पुल कब टूट जायेगा, कहना मुश्किल है। पुल के ध्वस्त होने पर पाली पंचायत कई भागों में विभक्त हो जायेगा, पुल के टूटने से इलाके के लोगों को बसैठ होकर दरभंगा व अन्य जगहों पर जाना पडेगा। श्री मिश्रा ने बताया कि पुल की उंचाई नहीं होने के कारण पुल अब अनुपयोगी हो गया है। बाढ या जलजमाव होने पर पानी की निकासी नहीं हो पाती है। पुल के नीचे काफी मात्रा में कचरा भरा होने के कारण पुल किसी योग्य नहीं रह गया है। ग्रामीण जागेश्वर यादव अब्दुल खालिक, इंद्रकांत मिश्र, देवेंद्र मंडल, दर्शन पासवान, छेदी झा, नवोनारायण झा सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि लचका पुल पर आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। ऐसे में उक्त पुल का निर्माण होना आवश्यक है। वहीं ग्रामीणों ने पुल निर्माण नहीं होने पर आन्दोलन की भी चेतावनी दी है। इस संबध में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि विभाग से कई लचका पुल को तोड़ कर नया निर्माण कराने का प्रस्ताव आया है। ग्रामीण आवेदन दे तो जल्द ही कार्रवाई कर पुल निर्माण कराया जा सकता है।