बेनीपट्टी (मधुबनी)। भारत-नेपाल को परस्पर जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़क के जर्जरता से नेपाल की यात्रा करना तो दूर हरलाखी तक जाना भी मुश्किल हो गया है। सड़क के जर्जरता का आलम ये है कि बेनीपट्टी से हरलाखी मुख्यालय की दूरी करीब 27 किमी है, जहां तक पहुंचने के लिए कम से कम तीन घंटे का समय लग जाता है। ऐसी स्थिति में बस यात्री किस प्रकार की परेशानियों का सामना कर हरलाखी जा पाते होंगे, ये अंदाजा लगाना सहज है। सड़क के निर्माण के लिए हरलाखी प्रखंड से लेकर बेनीपट्टी प्रखंड के कई पंचायत के लोग चरणबद्ध तरीके से आन्दोलन कर चुके है। बावजूद अब तक सड़क के निर्माण तो दूर मोटरेबुल तक नहीं बनाया गया। जबकि उक्त पथ से रोजाना करीब आधा दर्जन बस बेनीपट्टी से हरलाखी तक आवाजाही करती है। उक्त पथ से यात्रा कर कई लोग अपने रीढ़ की हड्डी तोड़ा चुके है तो कईयों ने दुर्घटना को अब तक अपने शरीर पर जख्म के रुप से झेल रहे है। खास तौर पर महमदपुर चौक से हिसार तक की यात्रा सबसे अधिक कष्टकारी है। इस मध्य सड़क के नाम पर दर्जनों बड़े-बड़े गड्ढे ही रह चुके है। सनद रहे कि बेनीपट्टी-हरलाखी के मुख्य पथ निर्माण के लिए करीब एक वर्ष पूर्व नंदी-भौउजी चौक के समीप ग्रामीणों ने करीब तीन दिनों तक आवागमन को बंद कर दिया था। तो महमदपुर चौक पर कई बार ग्रामीणों ने विभाग के खिलाफ प्रदर्शन कर चुके है। हैरत है कि इस पथ के निर्माण के लिए मधुबनी के लोकसभा सदस्य हुकुमदेव नारायण यादव एवं हरलाखी के विधायक सुधांशू शेखर भी धरना दे चुके है। ऐसे में साफ तौर पर कहा जा सकता है सड़क के निर्माण में किस प्रकार की अनदेखी की जा रही है। गौरतलब है कि उक्त पथ भारत-नेपाल को परस्पर जोड़ने का काम करती है। यात्री बस से उमगांव पहुंच कर नेपाल के लिए वाहन पकड़ते है। ऐसे में उक्त पथ की जर्जरता विभाग की उदासीनता की कहानी कह रही है। महमदपुर के स्थानीय युवक चंदन कुमार, संजय सिंह, अमरेन्द्र सिंह सहित कई लोगों ने बताया कि सरकार की ये पूर्णरुप से नाकामी है। दो देश को जोड़ने वाली सड़क का ये हाल है तो फिर क्या कहा जाये। स्थानीय लोगों ने विभाग ये यथाशीघ्र सड़क के निर्माण कराने की मांग की है।


आप भी अपने गांव की समस्या घटना से जुड़ी खबरें हमें 8677954500 पर भेज सकते हैं... BNN न्यूज़ के व्हाट्स एप्प ग्रुप Join करें - Click Here



Previous Post Next Post