बेनीपट्टी(मधुबनी)। पटना उच्च न्यायालय के न्यायामूर्ति सह निरीक्षी नीलू अग्रवाल ने शनिवार की देर शाम बेनीपट्टी व्यवहार न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सिविल मामलों में जल्द इंसाफ नहीं मिलने पर पीड़ित अपराधिक मामला दायर करते है।ऐसे मामलों को अगर दोनों पक्ष के अधिवक्ता बैठकर आपसी समनव्य बनाकर बातचीत के जरिये सुलझा ले तो अधिक मामले कोर्ट में लंबित नहीं होगें।वहीं निरीक्षी न्यायामूर्ति ने कहा कि जमीनी विवाद अथवा हल्की छोटी मामला को कोर्ट के बाहर भी निपटरा कर लेना चाहिए।ताकि कोर्ट अन्य मामलों की सुनवाई कर सके।वहीं जिला एवं सत्र न्यायाधीश एके शुक्ल ने कहा कि बेनीपट्टी व्यवहार न्यायालय के जज के लिए आवासीय क्वार्टर की सुविधा नहीं होने के कारण वे लोग बाजार में रहते थे।अब भवन निर्माण विभाग जल्द से जल्द भवन का निर्माण पुरा कर ले तो आवासीय भवन की परेशानी नहीं होगी,वहीं जिला जज ने उम्मीद जतायी कि जल्द ही परिसर की घेराबंदी व पार्किंग की व्यवस्था के साथ शौचालय की व्यवस्था भी होगी।इससे पूर्व निरीक्षी न्यायामूर्ति नीलू अग्रवाल ने कोर्ट के पूर्वी भाग में चार करोड़ की लागत से निर्माण होने वाली आवासीय भवन का आधारशिला रखी।विधि-विधान के अनुसार पंडितों ने मंत्रोच्चार के बीच न्यायामूर्ति से भवन का शिलान्यास कराया।भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता रविंद्र प्रसाद ने बताया कि जज के लिए आवासीय भवन जी प्लस होगा।जो चौथी मंजिला भवन होगी।उन्होंने बताया कि एक वर्ष में कार्य संपन्न करा लिया जायेगा।मौके पर अनुमंडल पदाधिकारी राजेश परिमल, एसडीपीओ निर्मला कुमारी, पुलिस निरीक्षक प्रवीण कुमार मिश्र,एसएचओ सह पुलिस निरीक्षक हरे राम साह, अमित कुमार, अधिवक्ता राजकुमार वर्मा, सुरेंद्र झा, रामप्रवोध सिंह, महेंद्र नारायण राय, रोबिन कुमार झा ,सुधीर झा टुन्ना सहित कई अधिवक्ता मौजूद थें।