बेनीपट्टी (मधुबनी) बिकास झा : मास्को- दुनिया के सबसे कुख्यात आतंकी ओसामा-बिन लादेन के बारे में एक बार फिर सीआईए के एक पूर्व अधिकारी ने बड़ा खुलासा किया है आपको बता दें कि सीआईए के पूर्व अधिकारी एडवर्ड स्नोड़ेन ने कहा खुलासा करते हुए कहा है कि ओसामा बिन लादेन अभी भी जिन्दा है और वह बहामास में अपनी 5 बीवियों और कई बच्चों के साथ रह रहा है सीआईए के पूर्व अधिकारी ने यह भी बताया है कि दुनिया भर की आँखों में धूल झोककर अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी CIA ओसामा बिन लादेन को एक सुरक्षित स्थान पर बहामास में रख रही है और इतना ही नहीं उसको फण्ड भी दे रहा है सीआईए अधिकारी ने दावा किया कि उसके पास है ओसामा के जीवित होने के सबूत – दुनिया की सबसे बेहतरीन खफिया एजेंसी सीआईए के अधिकारी स्नोड़ेन ने कहा है कि, “मेरे पास कई ऐसे दस्तावेज मौजूद है जिनमें यह साफ़-साफ़ जाहिर होता है कि ओसामा बिन लादेन अभी भी जिन्दा है और इतना ही नहीं CIA उसे फंडिंग भी कर रहा है स्नोड़ेन ने कहा है कि अभी भी हर महीने ओसामा बिन लादेन को 1 लाख डालर प्रतिमाह सीआईए की तरफ से दिए जा रहे है जो अलग-अलग संगठनों और कारोबार के नाम पर दिया जा रहा है सीआईए के अधिकारी ने यह भी बताया कि ओसामा बिन लादेन का बैंक अकाउंट नसाऊ की बैंक में है और इसी खाते में सीआईए हर महीने एक लाख रूपये ट्रांसफर करता है स्नोड़ेन ने रूस के अखबार मास्को ट्रिब्यून को दिए अपने एक इन्टरव्यू में इस बात का खुलासा करते हुए कहा है कि अभी फ़िलहाल तो मै इस बात को पक्के तौर पर नहीं कह सकता हूँ कि फिलहाल आज वह कहा पर रह रहा है लेकिन साल 2013 में ओसामा बिन-लादेन बहामास में अपनी एक कोठी में अपनी 5 बीवियों और कुछ बच्चों के साथ बहुत ही सुरक्षित रह रहा था 

● कौन है स्नोड़ेन ?
आपको बता दें कि स्नोड़ेन अमेरिका की सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी के एक अधिकारी है इन्हें साल 2013 में अमेरिका की तमाम ख़ुफ़िया जानकारियों को सार्वजानिक कर देने के बाद से ही अमेरिका के द्वारा भगोड़ा घोषित कर दिया गया था I स्नोड़ेन आजकल रूस की शरण में रह रहा है I स्नोड़ेन ने यह भी बताया है कि अतीत में पहले भी वह ओसामा बिन लादेन के जीवित होने का दावा कर चुके है।


● जानें अमेरिका के सभी दावों पर आखिर क्यों लगते है प्रश्नचिन्ह –
अमेरिका ने 2 मई 2011 को पाकिस्तान के एबटाबाद में किये ऑपरेशन में यह दावा किया था कि ओसामा-बिन लादेन को मार गिराया गया था, इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम अमेरिका के नेवी शील कमांडों ने अंजाम दिया था। ओसामा बिन-लादेन को मारने के बाद सील कमांडों ओसामा की लाश को भी अपने साथ ले गए थे। अमेरिका की मानें तो उसने कहा था कि ओसामा की लाश को पूरे इस्लामिक रीति रिवाजों के साथ समुद्र में दफना दिया गया था।
ओसामा की मौत के मामले में अमेरिका के द्वारा पेश किये गए सभी दावों पर सवाल इसलिए भी खड़ा होता है कि आखिर क्यों अमेरिका ने कभी भी ओसामा बिन लादेन की मौत से जुड़े हुए साक्ष्यों को आम जनता के सामने पेश नहीं किया ? आज तक भी ओसामा बिन लादेन के लाश की भी एक भी फोटो जनता के सामने नहीं आई है।
अमेरिकी सेना के अफसरों ने भी अलग-अलग बयान दिए है, ओसामा की मौत से जुड़े मामले में अमेरिका की ख़ुफ़िया अधिकारियों ने भी कई बार अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग बयान दिए है। कभी किसी अधिकारी ने कहा था कि ओसामा ने सील कमांडों के ऊपर गोली चला दी थी तो कभी यह भी कहा गया कि ओसामा निहत्था था। अमेरिकी अधिकारियों के इस तरह के बयानों से भी अमेरिका के दावों पर प्रश्न चिन्ह खड़े होते है।

पाकिस्तानी सेना के अफसर ने भी एक बार अमेरिका के सभी दावों को खारिज किया था और कहा था कि एबटाबाद में हुए ऑपरेशन में ओसामा बिन-लादेन की मौत नहीं हुई थी अमेरिकी सील कमांडों उसे अपने साथ लेकर अमेरिका चले गए थे।

इसके अलावा अमेरिका की ही एंटी वॉर एक्टिविस्ट सिंडी सीहन ने भी अपने सोशल मीडिया फेसबुक के अकाउंट पर एक बार लिखा था कि, “अगर आप लोग ओबीएल (ओसामा बिन लादेन) की नई डेथ थेयोरी पर यकीन करते है तो आप सभी मूर्ख है।
ओसामा को बनाने वाला भी अमेरिका ही था –
दिसंबर 1978 में जब सोवियत संघ ने अफगानिस्तान पर हमला किया तभी अमेरिका ने ओसमा बिन लादेन जैसे तमाम युवाओं को हथियारों की पूरी ट्रेनिंग दी और उसके बाद इन सभी को हथियारों की सप्लाई की अमेरिका उस समय यह उद्देश्य था की ओसामा और उसके साथी मिलकर सोवियत संघ की सेना को अफगानिस्तान के बाहर खदेड़ दें। इस काम में पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ने भी अमेरिका का खूब साथ दिया था क्यों कि पाकिस्तान भी कभी नहीं चाहता था कि सोवियत संघ का कब्ज़ा अफगानिस्तान में हो
जानें कौन था ओसामा बिन लादेन और उसके जीवन के सबसे अहम् पहलुओं के बारे में जिसके बाद अमेरिका के ही इशारे पर अफ़ग़ानिस्तान में मक्तब-अल-ख़िदमत की स्थापना की जिसमें दुनिया भर से लोगों की भर्ती की गई और सोवियत फ़ौजों से लड़ने के लिए उपकरणों का आयात किया गया। और इसी समय ओसामा बिन-लादेन ने लड़ते वक्त ही अल-कायदा की स्थापना की थी।
बाद में इसी ओसामा बिन-लादेन और उसके इसी संगठन अलकायदा ने ही 26/11 के अमेरिका में हुए हमले को अंजाम दिया ओसामा बिन-लादेन की अमेरिका से सबसे बड़ी नाराजगी का प्रमुख कारण मध्य-पूर्व में अमेरिकी फौज का तैनात होना इसीके चलते ओसामा ने पहली बार साल 1998 में अमेरिका के खिलाफ युद्ध की घोषणा की थी।


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