कन्हैया मिश्रा।प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के अडियल रवैये व सुस्त कार्यशैली के कारण प्रखंड के विद्यालयों में शिक्षा का स्तर दिनोदिन कमजोर होता जा रहा है।शिक्षकों की मनमाननी लगातार बढती जा रही है।ढंगा के मध्य विद्यालयस में हुई घटना में एक ओर जहां विद्यालय के शिक्षकों का कसूर बताया साफ तौर पर देखा जा रहा है,वहीं शिक्षा पदाधिकारी की लापरवाही भी खुब देखा जा रहा है।विद्यालय में 12ः30 बजे हुई घटना ने साफ तौर पर बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खडा कर दिया है।आखिर किस वजहों से तीनों छात्रा शैक्षणिक काल में खेल रही थी।विद्यालय में मौजूद अन्य छः शिक्षक क्या कर रहे थे? ऐसी कई बातें है जो शिक्षा विभाग को कठघरे में खडा करता दिख रहा है।वहीं विद्यालय में नियुक्त अन्य पांच शिक्षक घटना के समय कहां थे।उधर मृतक के पिता ने बताया कि उनकी बच्ची विद्यालय में पोशाक की राशि लेने के लिए आयी थी।विद्यालय में सही समय पर शिक्षकों के नहीं आने के कारण घटना को जिम्मेदार मानते हुए ग्रामीणों ने बीडीओ के समक्ष सभी शिक्षकों पर कार्रवाई करने की मांग की।उधर लगभग पांच घंटे तक स्कूल में बच्ची की लाश पडी रही,मगर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को मालूम नहीं हुआ.पांच घंटे तक स्कूल में ड्रामा होने के बाद मीडियाकर्मियों को जानकारी होने के बाद घटना की जानकारी प्रशासन तक पहुंची।सूत्रों कि माने तो घटना को दबाने का पूरा प्रयास किया गया।प्रयास सफल नहीं होने पर घटना की जानकारी दी गयी।एसएचओ बताते है कि पुलिस सभी बिंदुओ पर जांच करेगी।जानकारी दें कि मृतका अपने पिता की बडी बेटी थी।उनके पिता को तीन बेटियां ही है।उधर मृतक के मां का रो-रोकर बुरा हाल बना हुआ है।