पटना।किशनगंज बीएसएफ में भर्ती के लिए गये युवक सीकू का आज एक निजी अस्पताल में मौत हो गयी। उसकी मौत के विरोध में छात्रों ने पीएमसीएच पहुंच कर विरोध मार्च निकाला।इधर सीकू की मौत पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव व डीजीपी को तलब कर मामले की जांच के आदेश दिये है।जानकारी के अनुसार सीकू के मौत की जांच जेल आईजी प्रेम सिंह मीणा एवम् सीआईडी आईजी विनय कुमार करेंगे।इससे पूर्व छात्रों के द्वारा पीएमसीएच के निकाले गये मार्च में राजनीतिक रंग का भी खुब असर देखा गया।मार्च में सांसद राजीव रंजन उर्फ पप्पू यादव भी शामिल हो गये,वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी सीकू को देखने के लिए पीएमसीएच पहुंचे थे।छात्रों का हुजूम को देखते हुए पटना एसएसपी विकास वैभव भी छात्रों के साथ ही दिखे।पूर्व सीएम मांझी ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है।सूबें में राष्ट्रपति शासन की मांग की।वहीं पप्पू यादव ने मृतक छात्र के परिजन को पांच लाख रुपये देने साथ ही 11 जुलाई को बिहार बंद का भी आहृवान किया।ज्ञात हो कि गया जिले के कोजी थाना क्षेत्र के मुडेंरा गांव निवासी श्याम नारायण उर्फ सीकू 30 जून को किशनगंज पहुंचा था।एक जुलाई को बीएसएफ के कैंप में दौड के दौरान भागने के क्रम में वह गिरकर बेहोश हो गया था।इसके बाद बीएसएफ कर्मियों ने मानवता को शर्मसार करते हुए नंगे बदन एंबुलेंस से अस्पताल रवाना किया था।बीएसएफ उसे डंडे के सहारे एंबुलेेंस पर बैठा रहे थे।बीएसएफ ने बेहोश सीकू को समीप के थाने पुलिस को सौंप दिया था।जहां सीकू की किसी बात पर पुलिसकर्मियों के साथ बहस हो गयी थी।इसी बात पर पुलिसकर्मियों ने सीकू को बेरहमी से पिटाई कर किशनगंज स्टेशन के पास फेंक कर चले गये थे।स्टेशन से गुजर रही एक महिला की नजर सीकू पर पडी तो उसकी मदद की।वापस सीकू किसी तरह अपना सामान बीएसएफ कैंप जाकर पटना स्थित सैदपुर में रह रहे अपने भाई के पास जाकर सारी बात कहीं।दो जुलाई के बाद सीकू की तबियत अचानक खराब होने लगी थी।इधर स्थिति की की गंभीरता को देख केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने बीएसएफ के डीजी को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है।


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