संपादकीय।कन्हैया मिश्राः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुजफ्फरपुर रैली की तैयारी पूरे चरम पर जा चुकी है.उत्तर बिहार के विधानसभा क्षेत्रों के जनता व इस क्षेत्र के नेताओं में पीएम के रैली को लेकर उत्साह चरम पर पहुंच चुका है.वहीं कुछ ऐसे भी नेता जो मन ही मन में विधानसभा का टिकट को लेकर पटना से लेकर दिल्ली के दरबार में जाकर अपनी लोकप्रियता व टिकट पर दावेदारी ठोंक रहे है,ऐसे भी नेताओं की पीएम रैली को लेकर बहार आ गयी है.बिहार भाजपा को पीएम की रैली से पूरा भरोसा है कि इन क्षेत्रों के डेढ सौ विधानसभा की तस्वीर बदल जायेगी.वहीं इन क्षेत्रों के साठ सिटिंग एमएलए को भी उम्मीद है कि मोदी के लोकप्रियता व रैली के कारण उनकों भी संजीवनी मिल सकती है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 जुलाई को उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर के चक्कर मैदान से बिहार विधानसभा चुनाव का हुंकार लगायेंगे.पीएम का हंुकार कितना प्रभावशाली होगा,ये तो आने वाला चुनाव परिणाम ही बतायेगा,मगर बिहार के सत्ता पर काबिज दलो के रणनीति पर असर अवश्य डालेगा.पीएम मोदी के रैली को सफल बनाने के लिए बीजेपी के कई केंद्रीय मंत्री व बिहार बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने दौड-धुप तेज कर दी है.रैली के लिए बीजेपी ने दरभंगा प्रमंडल,तिरहुत,सारण और कोसी प्रमंडल के 15 सांसद व 60 विधायकों की ड्यूटी लगा रखी है.राजनीतिक पंडितो की माने तो पीएम के जोरदार हुंकार बिहार विधानसभा चुनाव पर गहरा असर डालेगा.लोकसभा चुनाव में मोदी के आकर्षक भाषण का असर साफ तौर बिहार के नेताओं ने देख लिया है.लोकसभा चुनाव के वक्त मोदी को बिहार की जनता के लिए देने के लिए कुछ भी नहीं था,मगर अब समय परिवर्तन हो चुका है,पीएम मोदी इस रैली में बिहार के लिए विशेष पैकेज या विशेष राज्य का दर्जा सहित कई सौगात दे सकते है.बाढ-सुखाड पर पीएम की घोषणा को लेकर क्षेत्र की जनता भी टकटकी लगाये हुए है.शायद पीएम कुछ राहत का घोषणा कर दें.दरअसल बीजेपी केे लिए लालू-नीतीश की जोडी चुनौती बनकर उभर सकती है,जिसकों देखते हुए बीजेपी की ओर से पीएम मोदी पहले से ही चुनाव का कमान थाम सकते है.इन क्षेत्रों की बात करें तो बीजेपी मधुबनी,मुजफ्फरपुर,दरभंगा,वैशाली,समस्तीपुर विधानसभा क्षेत्र के 50 विधानसभा क्षेत्रों से मात्र 16 सीटों पर ही जीत सकी है,तब जबकि उसके साथ नीतीश कुमार की जेडीयू थी,अब परिस्थिति बदली है,जदयू राजद के साथ हो चुकी है तो लोजपा भाजपा के साथ.गत विधानसभा चुनाव में राजद इन क्षेत्रों से कम वोटों के अंतराल से चुनाव हार गयी थी.समस्तीपुर के 10 विधानसभा में तो बीजेपी का आंकडा बहुत ही खराब है.मात्र एक सीट पर ही जीत सकी थी.वहीं राजद की बेहतर स्थिति थी.अब राजद को जदयू का सहारा मिल चुका है,ऐसे में बिहार के सियासत का गणित किस ओर जायेगा,कहना मुश्किल बना हुआ है.अब देखना है कि मोदी का रैली बीजेपी के लिए संजीवनी साबित होता है या नहीं.