मधुबनी : यूपीएससी की परीक्षा में ऑल इंडिया में 65वां रैंक लाकर जिले का नाम पूरे देश में रोशन करने वाले राजू मिश्र जो की झंझारपुर के खरौवा गावं के रहनेवाले है. यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में लगे हजारों युवाओं के लिये वे प्रेरणा के श्रोत बन गये है. जिले के घर घर में उनकी चर्चा हो रही है, वे जिले के लिये सफलता का पर्याय बन गये हैं।
पेश है हमारे सहयोगी द्वारा दूरभाष पर हुई उनके साथ BNN खास मुलाकात कार्यक्रम के तहत बातचीत के अंश.
प्रश्न - आप यूपीएससी परीक्षा में पास कर चुके हैं. किस तरह से महसूस कर रहे हैं ?
उत्तर- बहुत अच्छा, दो साल से मन था कि सिविल सर्विस सेवा ज्वाइन करूं.
प्रश्न- कैसे यूपीएससी परीक्षा में बैठने का ख्याल आया. कब आपने इसकी तैयारी शुरू की?
उत्तर- आइआइटी कानपुर के अपने सीनियर को देखकर मन में आइएएस बनने का ख्याल आया. वर्ष 2013 से इसकी तैयारी दिल्ली के पटेल नगर में रहकर कर रहा था.
प्रश्न- आपने विभिन्न जगहों पर रहकर पढ़ाई की. इसका परिणाम किस तरह से रहा?
उत्तर- कानपुर से आइआइटी किया. इसके बाद दिल्ली में रहकर आइएएस की तैयारी की. इसका परिणाम अच्छा रहा. आइआइटी कानपुर के अपने सीनियर से यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी में मदद ली.
प्रश्न- आप सेलेक्ट हो चुके हैं. आपके आगे का क्या लक्ष्य है. क्या प्राथमिकता होगी आपकी?
उत्तर- समाज की समस्याओं को दूर करना मेरा लक्ष्य होगा. गरीबी की समस्या को दूर करने वाला अधिकारी कहलाना पसंद करूंगा. मेरी प्राथमिकता होगी शिक्षा. मैं वैसा अधिकारी कहलाना पसंद करूंगा जो समाज से भ्रष्टाचार को मिटाने का मसीहा साबित हो सके.
प्रश्न- आपके आगे बढ़ाने में परिवार का किस तरह से रोल रहा है. अब किस तरह से परिवार।से उम्मीद करते हैं आप?
उत्तर- मेरे पिता पुण्यानंद मिश्र शुरू से ही मेरे प्रेरणास्त्रोत रहे. उन्होंने हर तरह से मेरी सफलता के लिए मुझे प्रोत्साहित किया. आगे भी वे मेरे प्रेरणास्त्रोत बने रहें यही उम्मीद है उनसे.
प्रश्न- किस तरह से आपने तैयारी की. यूपीएससी की परीक्षा में छात्रों को किस तरह सावधानियां बरतनी चाहिए.
उत्तर- मैंने पूरी लगन व निष्ठा के साथ छह से 10 घंटे तक तैयारी की. परीक्षा के समय 12 घंटे तक पढ़ा. तैयारी करने वाले छात्रों को यही सलाह दूंगा कि वे लक्ष्य बनाकर ध्यान केंद्रित कर पढ़ें.
प्रश्न- आपकी पसंदीदा किताब कौन सी है. आप किस तरह के किताब पढ़ना पसंद करते हैं.?
उत्तर- मेरी पसंद की किताब है महात्मा गांधी की माइ एक्सपेरिमेंट विथ ट्रथ, जवाहर लाल नेहरू की डिस्कावरी ऑफ इंडिया. नेल्सन मंडेला की पुस्तकें भी काफी पसंद करता हूं. मैं महान लोगों की जीवनी पढ़ना पसंद करता हूं.
प्रश्न- आप अपना आदर्श किसे मानते हैं? और क्यों? किस तरह से उनसे प्रेरणा मिली?
उत्तर- स्वामी विवेकानंद को आदर्श मानता हूं. उन्होंने समानता पर बल दिया. मैं उनके युवाओं के प्रति दिये गये विचारों से प्रेरणा लेते हैं.
प्रश्न- आप यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने वालों को क्या सलाह देंगे?
उत्तर-सलाह दूंगा कि लगन, धैर्य, लक्ष्य के साथ कम से कम छह से 10 घंटे तक मन लगाकर पढ़ें.