बरख 1984 ई. में बेनीपट्टी के अनुमंडल के दर्जा मिलल छल । लेकिन अनुमंडल बनला के वाबजूद भी सुविधा के घोर अभाव अईछ । अनुमंडल में व्यवहार न्यायालय, उपकारा, ट्रेजरी, अनुमंडलीय अस्पताल के कार्य प्रारंभ अखन धरी नइ भ सकल । अपने सब के बता दी जे की उच्च न्यायालय पटना के न्यायाधीश अखन तक आधा दर्जन स बेसी बेर व्यवहार न्यायालय व उपकारा भवन के निरीक्षण क कतेक बेर आवश्यक निर्देश सेहो द चुकल छैथ। अतय के जनता सब के आस जगल कि जल्द व्यवहार न्यायालय व उपकारा का कार्य प्रारंभ होयत । लेकिन अखन तक सिविल कोर्ट व उपकारा के कार्य शुरू नइ भ सकल । मौलिक सुविधा स वंचित बेनीपट्टी के नागरिक परेशानी झेल रहल छैथ। समस्या सब के निदान करबाक प्रति गंभीरता नय दिखाई द रहल अईछ ।
अनुमंडल में सुविधा के नाम पर एसडीएम कोर्ट, डीसीएलआर कोर्ट, डीएसपी कार्यालय, भूमि निबंधन, ग्रामीण कार्य विभाग, लघु सिंचाई, कृषि विभाग, उप डाकघर, पुलिस निरीक्षक कार्यालय, विद्युत कार्यालय, ग्रामीण स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग अईछ लेकिन व्यवहार न्यायालय उपकारा व ट्रेजरी के कार्य अखन तक शुरू नय भेला। जखन की अनुमंडल बनला बेनीपट्टी के तीन दशक के बाद भी अखन धरी नगर पंचायत के दर्जा तक नय भेटल। अतय के नागरिकों सब के हर वर्ष बाढ़ व सुखाड़ के दंश झेलय पडैत छैन। सिंचाई साधनों के घोर अभाव अईछ। सरकार के उदासीन रवैया के कारण अतय के नागरिक नाम मात्र सुविधा रहैत परेशानी सब स त्रस्त छैथ सरकार आ जन प्रतिनिधि सब के चाही जे की ओ सब जल्द अहि बात सब के प्रमुखता स ध्यान दैत ठोस कदम उठाबैत ।